खान सुरक्षा अभियान में 1102 खानों का निरीक्षण, खनन सुरक्षा मानकों और श्रमिकों के स्वास्थ्य प्रोटोकाल की पालना कराई सुनिश्चित

जयपुर: अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि खान सुरक्षा अभियान के दौरान विभागीय अधिकारियों ने 1102 खनन पट्टा क्षेत्रों का निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों सहित नियमानुसार खनन गतिविधियों के संचालन और सुरक्षा निर्देशों की पालना सुनिश्चित कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि खनन पट्टाधारकों को निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के मौके पर ही निर्देश दिए गए।

उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई से 14 अगस्त तक चलाए गए खान सुरक्षा अभियान के दौरान खनि अधिकारियों को 20 खनन पट्टों/क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों का निरीक्षण कर खनन सुरक्षा नियमों व प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए थे। अभियान के दौरान एसएमई जयपुर सर्कल व एसएमई जयपुर सतर्कता जोन में 211 निरीक्षणों के साथ समूचे प्रदेश में अव्वल रहा है। कार्यालय स्तर पर निरीक्षण में एएमई आमेट श्री राकेश कठोड ने 48 निरीक्षण किए हैं। एमई आमेट आसिफ मौहम्मद अंसारी 41, एमई जैसलमेर-बाडमेर भगवान सिंह ने 41, एएमई जोधपुर सोहन लाल सुथार ने 33, एसएमई कोटा अविनाश कुलदीप, एमई झुन्झुनू प्रकाश माली ने 31, एएमई बीकानेर सोहन लाल गुरु ने 30 माइंस का निरीक्षण कर लक्ष्य से अधिक उपलब्धि अर्जित की है।

एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माइंस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सुरक्षित खनन, पर्यावरण संरक्षण एवं सिलिकोसिस बीमारी पर चिंता व्यक्त करते हुए रोकथाम की आवश्यकता प्रतिपादित की थी। इसी तरह से माइंस व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में सुरक्षित खनन के लिए आवश्यक प्रावधानों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाने पर जोर दिया था।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 (आरएमएमसीआर), खान संरक्षण एवं विकास नियमावली, 2017 (एमसीडीआर) और मेटलिफेरस माइंस रेगुलेशन 1961 (एमएमआर) के साथ ही माइंस अधिनियम 1952 की विभिन्न धाराओं में सुरक्षित खनन के संबंध में आवश्यक प्रावधानों की पालना के निर्देश दिए गए। इस दौरान खनन पट्टा व क्वारी लाइसेंस क्षेत्रों के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा जारी कंसेट टू ऑपरेट और एनवायरमेंट क्लीयरेंस में निर्देशित प्रावधानों, पर्यावरण व खनिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जारी सुरक्षा प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करवाई गई।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 में नियमानुसार सुरक्षित एवं वैज्ञानिक विधि से खनिक श्रमिकों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियां संचालित करने के प्रावधान है। अभियान के दौरान एबेंडोनेड माइंस के पुनर्भरण एवं माइंस क्लोजर प्लान की पालना का निरीक्षण के साथ ही खानों के ओवरबर्डन या वेस्ट आदि निर्धारित स्थान पर रखने और बेक फिलिंग प्रावधानों की पालना के निर्देश दिए गए।

निदेशक माइंस केेबी पण्डया ने बताया कि खान सुरक्षा अभियान के दौरान मोटे रुप से डम्प यार्ड के चारों और दीवार नहीं बनाने, पर्याप्त मात्रा में वृक्षारोपण नहीं करने, खनिज वाहनों के आवागमन के रास्तेे में पानी का छिडकाव नहीं कराने, कुछ स्थानों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी आदि सामने आई है जिसके संबंध मेें आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य खनन पट्टाधारकों में अवेयरनेस लाने और श्रमिक कल्याण पर बल देना रहा है।
समीक्षा बैठक में संयुक्त सचिव राजेन्द्र शेखर मक्कड, उपसचिव नीतू बारुपाल, अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, संयुक्त निदेशक एनएस शक्तावत, ओएसडी संजय दुबे, एसएमई अजमेर जय गुरुबख्सानी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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