International Tiger Day 2021 : दुनियाभर में आज यानी 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है। बाघ एक शाही और शिकार करने वाला जानवर है। बाघ पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और विविधता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, बाघ उन प्रजातियों में से एक हैं जो विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं। जंगलों का सफाया और पेड़ों की कटाई बाघ के विलुप्त होने के प्रमुख कारक हैं। बाघों को विलुप्त से बचाने के लिए और बाघ संरक्षण पर जागरूकता फैलाने के लिए, हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या वैश्विक बाघ दिवस मनाया जाता है।
वैश्विक बाघों की आबादी का 70% हिस्सा भारत में
भारत के लिए वैश्विक बाघ दिवस (International Tiger Day 2021) इसलिए ज्यादा खास है क्योंकि वैश्विक बाघों की आबादी का 70% हिस्सा भारत में पाया जाता है। दुनियाभर में सिर्फ 13 ऐसे देश हैं, जहां बाघ पाए जाते हैं, जिसमें से 70 फीसदी भारत में हैं। टाइगर रिजर्व और पर्यावरण विभाग के प्रयासों से भारत ने 2022 के लक्ष्य से पहले बाघों की आबादी को सफलतापूर्वक दोगुना कर दिया है। भारत में साल 2010 में 1 हजार 700 बाघ थे। वहीं साल 2018 की गणना के अनुसार देश में बाघों की संख्या 2967 हो गई थी। भारत में 18 राज्यों में 51 बाघ अभयारण्य हैं। वर्ल्ड वाइलडलाइफ फंड के मुताबिक दुनियाभर में फिलहाल 3,900 बाघ मौजूद हैं।
जानिए बाघ दिवस का इतिहास
इंटरनेशनल टाइगर डे हर साल 29 जुलाई को 2010 से मनाया जा रहा है। 29 जुलाई 2010 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में टाइगर समिट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कई देशों ने हिस्सा लिया था और टाइगर समिट में समझौते पर हस्ताक्षर किया था। यह समझौता विश्व स्तर पर बाघों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बाघ संरक्षण को लेकर था। इसके साथ इस इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले देशों ने ठाना कि बाघ-आबादी वाले देश साल 2022 तक बाघों की आबादी को दोगुना कर देंगे।
जानिए क्या है International Tiger Day 2021 का थीम
इस साल के इंटरनेशनल टाइगर डे (International Tiger Day 2021) का थीम है ”बाघों का अस्तित्व हमारे हाथों में है” बता दें कि कोरोना के कारण साल 2020 में इंटरनेशनल टाइगर डे के सारे कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए गए थे।