एक युवा जिसने पेश की दानवीरता की नई नजीर

@ विशाल विमलेश शर्मा

जयपुर: कोरोना के इस संक्रमणकाल ने डेढ़ साल की अवधि में जो जख्म झेलने को मिले जिनकी भरपाई सदियों तो शायद सदियों तक नहीं हो पाएगी,लेकिन त्रासदी के इस कालखंड में कई देवदूत बनकर ऐसे अवतरित हुए जिन्होंने सेवाभाव से देश-प्रदेश,समाज को एक बार फिर से उठ खड़ा कर दिया। कोरोनकाल के सेवभावियों में सोनू सूद का नाम तो दुनिया जानती है पर ऐसे ही अनगिनत नाम हैं , जिन्होंने अपना सर्वश: झोंक मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन्हीं में से एक अदद चेहरा है आशुसिंह सूरपुरा का।

 कोई ऐसा गांव-गुवाड़ नहीं जहां इमदाद नहीं पहुंची हो

जयपुर जिले के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में तो ऐसा कोई गांव-गुवाड़ नहीं जहां इमदाद (मदद) की जरूरत हो वहां सूरपुरा अथवा उनकी टीम नहीं पहुंची हो। यहां तक सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे सो रहे गरीब असहाय को रोटी के निवाले की चिंता भी सूरपुरा ने की और पहुंच गए भोजन व राहत सामग्री के पैकेट लेकर। हजारों परिवारों तक एक व्यक्ति विशेष की तरफ से सहायता पहुंचाना असंभव सा लगता है पर वे हजारों हाथ इसके गवाह जिन तक सूरपुरा की ओर से मदद पहुंचाई गई।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा चिकित्सा सुविधाओं का समुचित प्रबंधन

चिकित्सा सुविधाओं की बात आई तो उसमें भी कसर नहीं छोड़ी। बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, अन्य उपकरण जहां जरूरत महसूस हुई वहीं आशुसिंह सूरपुरा की टीम लेकर पहुँच गई। कोरोना के उपचार के लिए दवा के मेडिकल किट भी चुनावों में घर-घर बंटने वाली पर्चियों की तरह पहुंचाए गए ताकि लोगों को प्रारम्भिक इलाज के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े। चिकित्सको व नर्सिंग स्टॉफ की टीम भी सूरपुरा ने तैनात कर रखी है जो जीवन बचाने में सजग है।

गंभीर बीमारों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस भी हर समय तैनात रखना विपदा की घड़ी में कोई छोटी सेवा नहीं। ये सब सुन अकल्पनीय सा लगता है कि सेवा ही धर्म मनाने वाला व्यक्ति इतना कुछ झोटवाड़ा विधानसभा की जनता के लिए कर गुजरेगा।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

प्राणियों के साथ बेजुवान पशु-पक्षियों तक का रखा ख्याल

सूरपुरा ने नर प्राणियों के साथ बेजुवान पशु-पक्षियों तक का ख्याल रखा । टीम सूरपुरा ने चारा-दाना- पानी जरूरत से ज्यादा पहुंचाया ताकि कोई कमी ना रहे। जिस परिवार के बारे में भी पता चला कि कोरोना के कारण परिवार संकट में आ गया है। उसे दस हजार की तत्काल आर्थिक सहायता तथा प्रति माह एक हजार रुपए की पेंशन का प्रबंध करने स्वयं सूरपुरा जरूरतमंद की दहलीज तक पहुंचेे।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए पैकेज

समाज सेवी युवा आशुसिंह सूरपुरा ने कोरोना से अनाथ हुए जयपुर जिले के समस्त बच्चों को बच्चों को गोद लेने की घोषणा कर रखी है । यह संकल्प ही अपने आप में इतना बड़ा है, क्योंकि वर्षो तक इसे निभाना है। अनाथ बच्चों के पैकेज में कन्या विवाह के लिए रकम का प्रावधान भी किया गया है।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

सूरपुरा पेंशन योजना

झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों, नगरपालिका जोबनेर एवं जयपुर शहर में नगर निगम के प्रत्येक 22 वार्डों में बेसहारा, विधवा महिलाओं, बेसहारा विकलांगो, बेसहारा बच्चों एवं बेसहारा बुजुर्गों के लिए 500 रुपए मासिक पेंशन के लिए सूरपुरा पेंशन योजना लेकर आए हैं। इस योजना का आसलपुर ग्राम पंचायत से शुभारंभ भी हो गया। इतनी जल्दी सरकार में तो संभव नहीं हैंं।

मदद के लिए जो भी आया खाली हाथ नहीं लौटा

आशुसिंह सूरपुरा का सेवाभाव का ये जुनून और जज्बा नया नहीं है। पिछले 10 वर्षों से झोटवाड़ा क्षेत्र में वे यूं ही अनवरत जुटे हुए हैं। घर-घर जरूरतमंद के राशन पहुंचाना। रोजगार की जरूरत वाले को आर्थिक मदद दे उसे पैरों पर खड़ा करने जैसे ऐसे अनेक योगदान है। इस नौजवान के पास मदद की उम्मीद लेकर जो भी पहुंचा उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटाया। तभी सूरपुरा को झोटवाड़ा क्षेत्र के लोग दिल से दुआ दे रहे हैं।

सर्व समाज से जुड़ाव, क्षेत्र में मजबूत पकड़

सबके सुख दु:ख में भागीदारी निभाने की कोशिश करने वाले इस युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा से तभी तो सर्व समाज जुड़ा हुआ है। सौ से अधक संस्थाएं और सामाजिक संगठन है जिनसे सूरपुरा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। 2013 के विधानसभा चुनावों को ही ले तो झोटवाड़ा से भाजपा-कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों के सामने शहरी क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 20 हजार वोट ले जाना सूरपुरा की क्षेत्र में लोकप्रियता व पकड़ को दर्शाने के लिए काफी है। मोदी की आंधी के समय त्रिकोणीय संघर्ष के मायने राजनीति के जानकार समझते हैं।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

सूरपुरा परिवार अंग्रेजों के जमाने से ही जुटा हैं सेवाकार्यों में

सूरपुरा को जन-जन से जुड़ाव व सेवा-समर्पण जन्मघुंटी में मिला हुआ है। सूरपुरा परिवार अंग्रेजों के समय से ही देश और आमजन की सेवा में लगा हुआ है। दिल्ली के राजपूताना राइफ़ल में जिन्हें आज भी नमन किया जाता है आशुसिंह सूरपुरा के दादा जी के पिताजी धन सिंह शेखावत अंग्रेजों के जमाने में 1921 में हिंदुस्तान के प्रथम सूबेदार मेजर बने । जिनका शिलालेख आज भी दिल्ली स्थित राजपूताना राइफ़ल के हैडक्वाटर में अंकित है ।

सूरपुरा गांव की वर्षो सरपंची

आशुसिंह सूरपुरा के दादाजी रोहिताश्व सिंह शेखावत जनसेवा की बदौलत लगातार 35 वर्ष तक ग्राम सूरपुरा के सरपंच रहे और उनके बाद आशुसिंह सूरपुरा के पिताश्री विजेंद्र सिंह शेखावत गांव सूरपुरा के सरपंच रहे।

सूरपुरा में हर घर में नल ,वेस्टेज पानी के लिए ड्रेनेज

अपने कार्यकाल में आशुसिंह के दादाजी व पिताजी ने झुंझुनू जिले में सूरपुरा को पहला गांव बनाया जिसमें वेस्टेज पानी ड्रेनेज होकर एक नाले में जाता है। सूरपुरा में हर घर में नल योजना के द्वारा 24 घंटे पानी उपलब्ध है। सूरपुरा में अस्पताल के लिए भूमि भी इसी परिवार ने दान की।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

अब 10 सालों से जुटे हैं सेवा में 

इसी जनसेवा को अब आगे बढ़ाने का कार्य आशुसिंह सूरपुरा 10 साल से झोटवाड़ा विधानसभा में कर रहे हैं। हर गरीब और असहाय की मदद की सेवा निरंतर जारी है। कोरोनाकाल में तो पहली और दूसरी लहर में जो मदद का हाथ आशुसिंह ने बढ़ाया वह काबिले तारीफ हैं। जगह-जगह सेवा कैम्प खोल दिए। गांव-गांव जाकर लोगों की सुध ली। राशन-पानी, दवा आदि के साथ आर्थिक मदद में भी कभी हाथ पीछे नहीं खिंचा। झोटवाड़ा विधानसभा के जोबनेर सहित कई सरकारी डिस्पेंसरी में ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड सहित अन्य जरूरत वाले चिकित्सा उपकरण भी भेंट किए हैं ताकि इलाज के अभाव में कोई व्यक्ति हम से जूदा ना हो। झोटवाड़ा विधानसभा तो उनका कर्म क्षेत्र है। अन्य कही से भी मदद के लिए फ़ोन आता है तो सूरपुरा उसी तत्परता से सहयोग का हाथ बढ़ाते है।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

कपिल अस्पताल नीमकाथाना को चिकित्सा उपकरण

अभी हाल में नीमकाथाना के कपिल अस्पताल में भी समाजसेवी सूरपुरा 10 व्हील चेयर, 10 व्हील स्ट्रेचर, 10 शौचालय चेयर, 10 वॉकर चेयर, 500 हृ95 मास्क एवं सेनेटाइजर जनसेवा हेतु आवश्यक चिकित्सा उपकरण एवं सामग्री देकर आए हैं।

100 बेड का कोविड सेंटर बनाना चाहते थे सूरपुरा

आशुसिंह सूरपुरा ने मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 100 बेड के कोविड सेंटर स्वयं के खर्चे पर बनाने की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था,लेकिन सरकार की तरफ से आज तक कोई प्रत्युत्तर ही नहीं मिला।

सेवा और समर्पण की मिसाल एक युवा समाजसेवी आशुसिंह सूरपुरा

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में 1 करोड़ 11 लाख का योगदान

विचार परिवार व भाजपा से जुड़े युवा आशुसिंह सूरपुरा ने एक करोड़ ग्यारह लाख रुपए की समर्पण निधि अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए दी हैं।

उच्च शिक्षित हैं आशुसिंह सूरपुरा

राजनीति शास्त्र में एमए,एलएलबी, एलएलएम उच्च शिक्षित आशुसिंह सूरपुरा वर्तमान में भी समाजसेवा के साथ अध्ययनरत भी है। वे लॉ में पीएचडी कर रहे हैं। आपकी धर्मपत्नी इतिहास विषय में वनस्थली विद्यापीठ से एमफि़ल हैे। दो बच्चों के पिता आशुसिंह सूरपुरा की 11 वर्षीय सुपुत्री शुद्धि सिंह एवं सात वर्षीय सुपुत्र अंगद प्रताप सिंह हैं।

दानवीरता की अनूठी मिसाल

सूरपुरा का मुख्यत: कंस्ट्रक्शन व्यवसाय हैं। इस व्यवसाय से कमाई जमा पूंजी को समाजसेवा के नेक काम में खर्च कर रहे हैं। वे कहते हैं कि असहाय का दु:ख मेरे से देखा नहीं जाता। पता नहीं मुझे भगवान ने इस सेवा कार्य के लिए ही बनाया हो। मौका मिला तो इस क्षेत्र वासियों के हर सपने को साकार करके दिखाऊंगा। क्षेत्रवासियों की नजर में दानवीरता की अनूठी मिसाल पेश करने वाले आशुसिंह सूरपुरा सही मायने में भामाशाह के शब्दार्थ को चरितार्थ करते हैं। ऐसे वीर शिरोमणियों के लिए हमारे शास्त्रों में भी कहा गया कि …

शतेषु जायते शूर: सहस्रेषु च पण्डित: !
वक्ता दशसहस्रेषु दाता भवति वा न वा !!

( सौ लोगो में एक शूरवीर होता है। हजार लोगो में एक विद्वान होता है। दस हजार लोगो में एक अच्छा वक्ता होता है।वहीं लाखो में बस एक ही दानी होता है। )

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