सेहत और तंदुरुस्ती के लिए काला गेहूं खाइए

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  • जयपुर के एक युवा किसान ने भी की काले गेहूं की खेती

           बेहतर खूबियो और भरपूर गुणों के कारण काले गेहूं को सुपर व्हीट्स कहा जाता है। काला गेहूं को सेहत के लिए बेहतर माना गया है। अनेक गुणों से भरपूर होने के कारण ही बाजार में काले गेहूं की बहुत मांग हैं। असल में इस काले गेहूं के किस्म को सात बरसों के रिसर्च के बाद पंजाब के मोहाली स्थित नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट यानी नाबी ने विकसित किया है। काले गेहूं की वर्तमान में पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पैदावर होने लगी हैं। सेहत के लिए अनेक फायदेमंद गुणों को देखते हुए ही जयपुर जिले के एक युवा किसान राहुल थाकन ने भी इस बार काले गेहूं की खेती की हैं। यानी काला गेहूं आपके जयपुर में भी उपलब्ध है।

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युवा कृषक राहुल बसेड़ी को मिनी इजराइल के रूप में परिवर्तित करने में प्रमुख योगदान देने वाले जयपुर जिले के बसेड़ी गांव के प्रगतिशील किसान रामनारायण चौधरी के सुपुत्र हैं। रामनारायण चौधरी कृषि के क्षेत्र में नवाचारों के कारण प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। पिता के नवाचारों से प्रेरित हो सुपुत्र राहुल भी कृषि क्षेत्र में नवाचार करने में जुटे हुए है ताकि खेती की तरफ युवा पीढ़ी आकर्षित हो और किसानों की माली हालात भी सुधरे। काले गेहूं पर हुए अनेक रिसर्च और शोध के आधार पर माना गया है कि काला गेहूं साधारण गेहू की तुलना में कई गुना ज्यादा पोष्टिक होता है। इसमें पाए जाने वाले पोष्टिक तत्वों को देखते हुए ही यह भी माना जा रहा है कि काले गेहूं को आने वाले समय में दवाइयों के रूप मे उपयोग मे लिया जाएगा। काले गेहूं की खेती से किसान को भी साधारण गेहूं की तुलना मे अच्छे दाम मिल रहे हैं। काले गेहूं की रोटी खाने से अनेक रोगों से बचाव होता है, क्योंकि इससे शरीर को पोषक तत्व व शक्ति भरपूर मिलती है। डायबिटीज के रोग वाले लोगों के लिए भी ये गेहूं बेहद फाययदेमंद है, क्योंकि ये गेहूं जल्दी पच जाता है। इसी तरह दिल के रोगों को दूर करने में भी काफी कारगर है। काला गेहूं कब्ज को दूर करता है। कृषि वैज्ञानिक काले गेहूं को केंसर रोगियों के लिए भी फायदेमंद मानते हैं। आंतों के इंफेक्शन को खत्म करने में भी कारगर है। काला गेहूं इसके अलावा मोटापा घटाने, तनाव को कम करने सहित कई बीमारियों के लिए दवा के समान उपयोगी साबित हो रहा हैं।

क्यों है काला गेहूं फायदेमंद
कृषि वैज्ञानिकों और चिकित्सकीय नजरिए से देखे तो काले गेहूं में एंथोसाएनिन नाम के पिगमेंट होते हैं। एंथोसाएनिन की अधिकता से फलों, सब्जियों, अनाजों का रंग नीला, बैंगनी या काला हो जाता है। एंथोसाएनिन नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। आम गेहूं में एंथोसाएनिन महज 5 पीपीएम होता है, लेकिन काले गेहूं में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है। एंथोसाएनिन के अलावा काले गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है। काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है। हालांकि, प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं।
काले गेहूं का चूहों पर किए गए रिसर्च में देखा गया कि ब्लड कॉलस्ट्रॉल और शुगर कम हुआ। वजन भी कम हुआ, लेकिन इंसानों पर भी यह इतना ही कारगर होगा इस पर अभी शोध जारी है, पर यह तो तय है कि अपनी एंटीऑक्सीडेंट खूबियों की वजह से इंसानों के लिए काला गेहूं साधारण की तुलना में काफी फायदेमंद हैं।
काला गेहूं के लिए कहां करें कांटेक्ट- 9414632788

 

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