
इन्कलाब जिन्दाबाद के उद्घोषकों का अमृत महोत्सव
दिल से निकलेगी न कभी मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी, शहीदे आज़म भगत सिंह की लिखी यह पंक्तियां उनके विचार को बाखूबी ब्यान करती है। इन लोगों ने स्वयं जागने, औरों को जगाने, जोश, ज़ज्बा, जुनून और जिद् करने की लौ समाज में जलाई। उनकी शहादत के 92 वर्ष…