35 साल बाद घर आई ‘सिद्धी’ का जश्न: नवजात बेटी को हेलीकाप्टर से घर लाए माता-पिता

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  • हेलीपेड से घर तक रास्ते में बिछाए फूल
  • गांववालों को कराया भोजन

नागौर। जिले के कुचेरा क्षेत्र के गांव निम्बड़ी चांदावता के एक किसान परिवार ने अपने घर में 35 साल बाद हुए बेटी के जन्म की खुशी को अनूठे अंदाज में मनाई। बेटी को अपने ननिहाल से हेलीकॉप्टर में घर लेकर पहुंचे। यहां हेलीपेड से लेकर घर तक रास्ते में फूल बिछे रहे। दरअसल निम्बड़ी चांदावता निवासी मदनलाल प्रजापत के परिवार में 35 साल बाद बेटी का जन्म हुआ है। उनके बेटे हनुमान प्रजापत की पत्नी चुका देवी ने अपने पीहर हरसोलाव गांव में तीन मार्च को बेटी रिया उर्फ़ “सिद्धी” को जन्म दिया था। ऐसे में उसे पहली बार बुधवार दुर्गानवमी को सुबह पिता हनुमान उसे लेने हेलीकॉप्टर से ननिहाल हरसोलाव पहुंचे और दोपहर में वहां से निम्बड़ी चांदावता में दादा के घर तक हेलीकॉप्टर में लाया गया और हेलीपेड स्थल से लेकर घर तक पूरे रास्ते में फूलों और बैंड-बाजों के साथ उसका स्वागत सत्कार किया गया। इतना ही नहीं बिटिया जन्म की ख़ुशी में नाते-रिश्तेदारों व दोस्तों को खाना खिलाया गया।

सुबह 9 बजे हेलीकॉप्टर बिटिया को लेने हुआ रवाना
नवजात बच्ची को हेलीकॉप्टर में बैठाकर पहली बार घर लाने के दौरान उसके साथ हेलीकॉप्टर में बच्ची रिया के साथ उसके पिता हनुमानराम, फूफा अर्जुन प्रजापत, हनुमान राम के चचेरे भाई प्रेम व राजूराम सुबह 9 बजे हेलीकॉप्टर में बैठकर निम्बड़ी चांदावता से बच्ची के ननिहाल हरसोलाव के लिए रवाना हुए।

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गृह प्रवेश पर सिद्धिदात्री देवी रूप में हुई बिटिया की पूजा
नवरात्रा में 9वें दिन मां सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है। इस परिवार में 2 फरवरी को बेटी का जन्म हुआ, मगर उसे नवरात्र के नौवें दिन यानी दुर्गा नवमी के दिन ननिहाल से घर लाया गया और पहली बार बिटिया के गृह प्रवेश पर उसे मां सिद्धिदात्री का स्वरुप मानते हुए पूजा की गई। बिटिया के नन्हें कदमों की छाप ली। करीब एक घंटे तक पूजन-अर्चन का कार्यक्रम चला। गांव के लोग भी इसमें शामिल हुए। नवजात बच्ची रिया उर्फ़ “सिद्धी” के दादा मदनलाल प्रजापत ने बताया कि समाज में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके घर बेटी के जन्म लेने पर उदासी छा जाती है, लेकिन मेरा मानना है कि बेटों से कहीं ज्यादा बेहतर बेटियां हैं। मैंने दस वर्ष पहले ही तय कर लिया था कि घर में बिटिया का जन्म होने पर उसका भव्य स्वागत सत्कार किया जाएगा और उसे हेलीकॉप्टर से लाया जाएगा। उम्मीद करता हूँ कि अब गांव-समाज के दूसरे लोग भी प्रेरणा लेकर बिटिया के जन्म पर खुशियां मनाएंगे।

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