मंत्रियों के साथ हुई किसानों की बैठक में हंगामा: सहमति नहीं बन पाई, किसानो ने दिया अल्टीमेटम

मंत्रियों के साथ हुई किसानों की बैठक में हंगामा: सहमति नहीं बन पाई, किसानो ने दिया अल्टीमेटम | Uproar in farmers' meeting with ministers: Consensus could not be reached, farmers gave ultimatum

घड़साना: श्रीगंगानगर के घड़साना में सिंचाई के पानी को लेकर किसान आंदोलन भड़क गया। हजारों किसानों ने शनिवार देर रात डीएसपी समेत करीब डेढ़ सौ पुलिस के जवानों को बंधक बना लिया। उन्हें सुबह भी बाहर नहीं आने दिया गया। तनाव के बीच भारी पुलिस फोर्स घड़साना में तैनात की गई है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के विपरीत इस आंदोलन में किसानों के निशाने पर राजस्थान की गहलोत सरकार है। इसके संबंध में किसान नेताओं का एक दल रविवार को जयपुर पहुंचा। जिसने मंत्री, बीडी कल्ला, उदयलाल आजना के साथ बैठक की। ये बैठक भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। अब किसानों को सोमवार सुबह 11 बजे तक फिर से किसानों को बातचीत के लिए बुलाने और जवाब देने की बात कही है।

आज विद्युत भवन के बन्द कमरे में आईजीएनपी और पीएचईडी विभाग के मंत्रियों और मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में किसानों ने सरकार को साफ-साफ अल्टीमेटम दे दिया है। उन्हें 6 बारी का पानी सिंचाई के लिए दिया जाए। वरना नहरी क्षेत्र में बड़ा किसान आंदोलन किया जाएगा। जबकि सरकार ने वार्ता में किसानों को 3 बारी का पानी देने का आश्वासन दिया। जिससे किसान उखड़ गए, उन्होंने बैठक में जोरदार हंगामा करते हुए कहा कि 6 बारी से कम पानी पर कोई समझौता नहीं होगा। क्योंकि आज किसान कर्ज में डूबा हुआ है,खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है। रबी के लिए पानी नहीं है। किसान कहां जाएगा। मामले की नजाकत और नाजुक हालात को भांपते हुए सरकार ने किसानों को मुख्यमंत्री से आज ही बातचीत कर सोमवार सुबह 11 बजे तक फिर से किसानों को बातचीत के लिए बुलाने और जवाब देने की बात कही है।

पीएचईडी मंत्री कल्ला बोले सीएम से बात करके सही फैसला करेंगे

पीएचईडी मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने कहा कि किसानों की मांग यह है कि मौजूद पानी का सही बंटवारा किया जाए। इसी के लिए हमने उनके सुझाव मांगे। जल संसाधन मंत्री मुख्यमंत्री के पास पूरी रिपोर्ट लेकर जा रहे हैं। हमारे पास कितना पानी है और उसे कितनी बारी में दे सकते हैं ,उसका सही आकलन करके सही समझौता करेंगे। उपलब्ध पानी के अनुसार कितना पानी दे सकते हैं, इसीलिए किसानों से सुझाव मांगे हैं और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आज ही सुझाव और रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री से बात करके सही फैसला कर देंगे।

कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर बोले किसान बहुत सयाने हैं

कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने कहा कि लगभग 40 फीट पानी डैम में पिछली बार से कम है। ऐसे हालत में हम सरसों की बिजाई करवाएंगे। उन्होंने कहा किसान बहुत सयाने हैं। क्योंकि सरसों की बिजाई और जौ बिजाई 3-3 पानी की फसल है। जब पानी कम है,तो किसान इस तरह भी गुजारा कर सकता है। सरकार अभी 3 या 4 बारी का पानी दे सकती है। अगर बरसात हुई तो 5 बारी का पानी भी दे दिया जाएगा।

किसान 6 बार से कम पानी नहीं लेंगे-बीजेपी सांसद निहालचन्द मेघवाल

गंगानगर से बीजेपी सांसद निहालचन्द मेघवाल ने कहा कि किसानों की पानी की समस्या को लेकर हम सरकार के आमंत्रण पर जयपुर आए हैं। चार ग्रुप में से दो ग्रुप सरकार चलाए, तो किसान को फायदा मिल सकता है। लेकिन सरकार ने मना किया हुआ है। जब 2004 में डैम में 1344 फीट पानी था, तब भी 5 बार पानी दिया गया था। आज तो 1355 फीट पानी है, किसानों को 6 बारी पानी मिलना चाहिए। उससे कम हम पानी नहीं लेंगे। हनुमानगढ़,गंगानगर और बीकानेर का आईजीएनपी पहली फेस के हिस्से के किसान इससे प्रभावित हैं। अगर राज्य सरकार इसे लेकर केन्द्र से बातचीत करे तो केन्द्र सरकार तैयार है। लेकिन पानी का मुद्दा स्टेट गवर्नमेंट का है। राजस्थान सरकार को पंजाब सरकार से बातचीत करनी चाहिए। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भी हमने कहा है कि वे बातचीत करेंगे और राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा।

बीजेपी विधायक बिहारीलाल विश्नोई बोले-पानी बिन मर गई फसल

नोखा से बीजेपी विधायक और गंगानगर के प्रभारी बिहारीलाल विश्नोई ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि हमने सरकार को स्पष्ट दो टूक शब्दों में कहा है कि किसान को 6 बारी का पानी दिया जाए। 2 बारी का पानी बिजाई के लिए और 4 बारी का पानी उस फसल को पकाने के लिए दिया जाए। जब जनवरी में मावठ की बारिश हो, तो 7 से 9 बारी पानी भी दिया जा सकता है। हमें सरकार ने कहा है कि सुबह 11 बजे तक आपको बुलाकर जवाब दे देंगे।

किसानों की मांग यह है कि पोंग डैम में 1355 फीट पानी है। इसलिए हम रबी में सरसों, जौ, चना की बिजाई करेंगे। गेहूँ की बिजाई नहीं करेंगे। लेकिन हमें कम से कम 6 बारी का पानी चाहिए। पिछली बार रेगुलेशन तय नहीं हो पाया। क्षेत्र में खरीफ की फसल जिसे सावणी कहा जाता है,वो नहीं हो पाई। सिंचाई की पानी नहीं मिला,तो रबी की फसल भी नहीं हो पाएगी। इसी तरह के हालात रहे तो अगली खरीफ की फसल भी नहीं हो पाएगी। किसानों को बैंकों का कर्जा देना है। बच्चों की पढ़ाई की फीस चुकानी है। उनके घर नहीं चल पा रहे हैं। डीजल महंगा हो चुका है। इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि उन्हें पूरा पानी दिया जाए। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि राजस्थान के सीएम पंजाब के सीएम से बात करके पानी की दिक्कत दूर करवाने की कोशिश करेंगे।

वार्ता में सरकार, जनप्रतिनिधियों में ये रहे शामिल

जयपुर में विद्युत भवन में शाम तक चली बैठक में भाग लेने के लिए 10 इलाकों के किसान नेताओं और जनप्रतिनिधियों को सरकार ने बुलाया था। इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट क्षेत्र के रावला,घड़साना,अनूपगढ़,नोखा सहित आईजीएनपी फर्स्ट फेज के किसानों और सांसद,विधायकों ने सरकार से बातचीत की। अनूपगढ़ से बीजेपी विधायक संतोष बावरी,बीकानेर के खाजूवाला से कांग्रेस विधायक गोविन्दराम मेघवाल,हनुमानगढ़ के पीलीबंगा से बीजेपी विधायक धर्मेन्द्र कुमार,हनुमानगढ़ के संगरिया से बीजेपी विधायक गुरदीप सिंह , अनूपगढ़ से कांग्रेस नेता कुलदीप इंदौरा, सूरतगढ़ से कांग्रेस नेता हनुमान मील, बीजेपी हनुमानगढ़ देहात जिलाध्यक्ष बलवीर विश्नोई, पीलीबंगा से कांग्रेस नेता विनोद गोठवाल के अलावा कई किसान नेता भी बैठक में मौजूद रहे।

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