वरदान बनीं 5 बेटियां: 3 एक साथ बनीं RAS अफसर, 2 पहले हो चुकी हैं चयनित

हनुमानगढ़ : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रावतसर की 3 बहनों ने एक साथ RAS अफसर बनकर इतिहास रच दिया है। इन तीनों बहनों ने अपनी लगन से ये साबित कर दिया है कि अगर अच्छी पर‍वरिश दी जाए तो बेट‍ियां बोझ नहीं वरदान साबित होती हैं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा में तीनों ही बहनें एक साथ बैठी थीं और अब एक साथ पास भी हुई हैं। इन तीनों ही बहनों ने एक साथ सरकारी स्कूल में पांचवीं तक पढ़ाई की थी।

जानिए इनकी सफलता की ये कहानी….

एक बहन मंजू का 2012 में राज्य प्रशासनिक सेवा में सहकारिता विभाग में चयन हुआ था जबकि सबसे पहली बहन रोमा का 2011 में हो चुका है। अब तीन और बहनें भी आरएएस बनी है। इन तीनों में अंशू ने OBC गर्ल्स में 31, रीतू ने 96 और सुमन ने 98 वीं रैंक हासिल की है। कभी पांचों बहनें गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ीं फिर माता पिता ने उसके बाद शहर जाकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करवाई बेटों की चाहत रखने वाले माता-पिता को भी इन पेरेंट्स से सीखना चाहिए।

जिन्होंने बेटियों को अभिशाप नहीं समझा बल्क‍ि उन्हें हीरे की तरह निखारा। आज हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव की तीन बेटियों ने एक साथ आर एस बन कर माता पिता का सपना साकार किया है और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। हनुमानगढ़ जिले में रावतसर तहसील क्षेत्र के गांव भेरुसरी निवासी किसान सहदेव सहारण के पांच बेटियों की जिनमें से दो बेटियां रोमा और मंजू पहले ही RAS में चयनित हो चुकी थी अब शेष तीन बेटियां अंशु, सुमन व ऋतु का RAS में चयन हुआ है। सहारण का परिवार जब जयपुर से हनुमानगढ़ पहुंचेगा तो यहां उनका भव्य स्वागत भी किया जाएगा।

वरदान बनीं 5 बेटियां: 3 एक साथ बनीं RAS अफसर, 2 पहले हो चुकी हैं चयनित

आपको बता दें कि इस परिवार की दो बड़ी बेटियां जिसमें एक BDO है तो दूसरी सहकारिता विभाग में है। अब तीन और बेटियों के चयन से हनुमानगढ़ जिले में खुशी की लहर है। हाल ही में रितु अंशु सुमन ने परीक्षा पास करने के बाद कहा कि पूर्व में जो दो बहनें RAS में चयनित हुई थीं, उन्हीं की प्रेरणा से हम तीनों ने भी मेहनत की और यह मुकाम हासिल किया है।

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अपनी मेहनत से मुकाम किया हासिल

RAS में सिलेक्ट हुई तीनों बहनों की बड़ी बहन से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह सब उनके माता-पिता की मेहनत का फल है कि आज उनकी बेटियां इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं। सबसे बड़ी बहन रोमा ने बताया कि उनके माता-पिता को भी समाज के काफी ताने सुनने को मिले थे कि बेटियों को इतना पढ़ा-लिखा कर क्या करेंगे लेकिन उन्होंने इस बात की परवाह नहीं की। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से हमको पढ़ाया-लिखाया। हमने भी उनके सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज यह मुकाम हासिल किया है।

अंशु, रीतू और सुमन सहारण मंगलवार को जारी RAS -2018 की परीक्षा परिणाम में एक साथ अफ़सर बनी हैं। गांव में खेती करने वाले किसान सहदेव सहारण की तीनों बेटियों के RAS बनने से गांव में खुशी की लहर छा गई है। बता दें कि इनकी पांच बेटियां थीं और पांचों ही अब राज्य प्रशासनिक सेवा में अधिकारी हैं। इनकी दो बहनों का चयन पहले ही राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हो चुका है।

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