श्रीगंगानगर: राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा उन्नत बकरी पालन प्रबंधन विषय पर आत्मा परियोजना द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ.राजकुमार बेरवाल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजाराम गोदारा अध्यक्ष (सहकारी सेवा समिति) तथा विभिन्न जिलों से आए हुए पशुपालको का स्वागत व्यक्त किया।
इसके बाद राजाराम गोदारा ने बताया के सभी किसान भाइयों को पशुपालन करना चाहिए तथा श्रीगंगानगर क्षेत्र में पशु विज्ञान केंद्र से मिल रही जानकारी का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। जिससे हमारे क्षेत्र के किसान हर क्षेत्र में सशक्त हो सके कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विनोद गौतम(परियोजना उपनिदेशक आत्मा) श्रीगंगानगर रहे तथा इन्होंने आत्मा अंतर्गत आने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी तथा अन्य अतिथि डॉ.बसंत सिंह सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी , प्रगतिशील पशुपालक भूपेंद्र बराड़ उपस्थित थे तथा शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत करते हुए डॉ. बेरवाल ने बताया कि पशु पालकों को बकरियों के वैज्ञानिक प्रबंधन के साथ-साथ, बकरियों का संतुलित आहार, चारा प्रबंधन तथा उन्नत आवास प्रबंधन कृत्रिम गर्भाधान जैसी तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा केंद्र के डॉ. मनीष कुमार सेन ने बताया कि बकरी का दूध मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है क्योंकि इसमें हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी माने जाने वाले सभी पोषक तत्व और विटामिंस मौजूद होते हैं।
बकरी के दूध में वसा ग्लोबूल्स छोटे और आसानी से पचने वाले होते हैं तथा बकरी का दूध मानव स्वास्थ्य के लिए इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है तथा डॉ मनीष ने बताया कि बकरियों में बांझपन निवारण बाहय परजीवी अतं परजीवी रोकथाम इत्यादि प्रशिक्षण के अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया जिसमें प्रथम,द्वितीय,तृतीय स्थान पर क्रमशः रणजीत, राजेंद्र सिंह, सुमित्रा देवी रहे तथा प्रशिक्षण शिविर में कुल 48 पशुपालकों ने भाग लिया।