सुजानगढ़ : चूरू के सुजानगढ़ में राम दरबार लगी मूर्तियों के प्रवेश द्वार गिराने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और इसे हिंदू धर्म और आस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश बताया जा रहा है। मामले को लेकर बीजेपी कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी है। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और फतेहपुर बुधगिरी मठ के महंत दिनेश गिरी महाराज ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि एक नॉन इश्यू को इश्यू बनाया जा रहा है।
सड़क चौड़ीकरण के लिए गिराया गेट
सुजानगढ़-सालासर फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है। इसको लेकर 2 फरवरी को सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) ने सालासर धाम विकास समिति को नोटिस भेजा था। इसमें प्रवेश द्वार को हटाने के लिए कहा था। 11 मार्च को समिति पदाधिकारियों को फिर से इस बारे में अवगत करवाया गया। इसके बाद 15 मार्च की रात को इस प्रवेश द्वार को जेसीबी की मदद से गिरा दिया था। जानकारी मिलते ही सालासर के स्थानीय संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए मौके पर रास्ता जाम कर दिया था। करीब 4 घंटे के प्रदर्शन के बाद सुजानगढ़ पीडब्ल्यूडी विभाग के AEN बाबूलाल वर्मा और JEN नंदलाल मुवाल मौके पर पहुंचे थे। लंबी बहस के दौरान बाबूलाल वर्मा ने प्रदर्शनकारियों से हाथ जोड़कर माफी मांगी थी। हाईवे का काम पूरा होने पर राम दरबार लगा प्रवेश द्वार फिर से बनाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद लोगों ने धरना स्थगित कर दिया था।
बैठक से पहले ही ध्वस्त किया गेट
सालासर धाम विकास समिति के महामंत्री सत्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि नोटिस मिला था, पर अकेला कोई निर्णय नहीं ले सकता था। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से इस बारे में चर्चा भी की थी कि आप प्रवेश द्वार को छोड़कर रास्ता निकाल लें। प्रवेश द्वार को हटाने को लेकर समिति की बैठक में चर्चा होनी थी, लेकिन इससे पहले ही पीडब्ल्यूडी ने इसको हटा दिया।