चूरू। अपने जीर्णोद्धार और सौन्दर्यकरण की बाट जो रहा चूरू का ऐतिहासिक किला आजकल कचरे, मलबे और कबाड़ का ढेर बना हुआ है। चांदी के गोले दागकर दुश्मनों से अपनी रक्षा करने वाले इस किले के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी।
यह कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है मगर इसी बीच किले में चल रहे पुलिस थाने के निर्माण ने किले परिसर में चहुंओर कचरे और मलबे के पहाड़ खड़े कर दिए है जिससे आवागमन तो अवरुद्ध हुआ ही है साथ ही किले के ऐतिहासिक मंदिर और अस्पताल में आने जाने वाले स्त्री पुरुषों और बच्चों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किले में हर तरफ धूल-मिट्टी और टूटा-फूटा सामान बिखरा पड़ा है।
स्थानीय निवासियों ने पुलिस अधिकारियों से कई बार किले में ठेकेदार द्वारा चारों तरफ डाले जा रहे मलबे और कचरे को अन्यत्र डालने और यहाँ से हटाने को कहा मगर छह माह बाद भी किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इसी बीच आंधी तूफ़ान के कारण यहाँ डाला जा रहा मलबा और कचरा आसपास के लोगों की परेशानी का सबब बन गया है। यत्र तत्र डाले जा रहे मलबे से बारिश के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है।