नाशिक। विप्र फाउंडेशन की परशुराम कुंड आमंत्रण यात्रा का अमृत भारत रथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्रयम्बकेश्वर महादेव की नगरी, गौतम ऋषि की तपोस्थली तथा गोदावरी नदी के उद्गम स्थल नाशिक की पवित्र धरा पर पहुंच गया। त्रयम्बकेश्वर में शिव के साथ विराजमान ब्रह्मा, विष्णु के इस प्रमुख तीर्थ स्थली का इतना महत्व भी हैं जहां प्रत्येक 12 वर्ष बाद महाकुंभ का आयोजन होता हैं।
भगवान का यह रथ औरंगबाद स्थित वरद गणेश मंदिर से रवाना हो लासूर स्टेशन के रास्ते नाशिक पहुंचा। यहां मां गोदावरी की महाआरती उतारी गई। यात्रा आमंत्रण देकर नासिक के लिए रवाना हुई तो भगवान गणपति भक्तमंडल ने मूर्ति स्थापना के लिए 51हजार की राशि प्रसाद स्वरूप भेंट की। यहां यात्रा लासूर स्टेशन आई तो वहां भी हर घर -घर से अंशदान का संकल्प लिया गया।
लासूर स्टेशन कस्बे में चन्द्र शेखर शर्मा परिवार की ओर से अपनी काश्तकारी भूमि में से भगवान परशुराम ज्ञान मंदिर के लिए दान किए गए भूखंड पर स्वामी रामनारायण दास, विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर. बी. शर्मा सहित यात्रा में शामिल विप्र समाज ने भूमि पूजन कर मंदिर का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अनेक भामाशाहों ने स्वप्रेरणा से सहयोग की घोषणा की। इस अवसर पर सरपंच मीना ताई, कल्याण मल शर्मा मुनेत, उपसरपंच सम्पत्त छाजेड आदि मौजूद थे। यात्रा के बेजपुर पहुंचने पर मोटर साइकल रैली निकाल कर भव्य स्वागत किया गया। नगर परिषद की सभापति शिल्पा परदेशी के नेतृत्व में सर्वसमाज की महिलाओं ने भगवान परशुराम का पूजन किया। नासिक जिले में प्रवेश पर अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट पर श्रीकिशन बंसीलाल दायमा परिवार की ओर से भव्य स्वागत कर नासिक रवाना किया।