जयपुर। मंत्रिमण्डल पुर्नगठन के साथ ही कांग्रेस में विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। अलवर राजगढ़ विधायक जौहरीलाल मीणा के बाद खेरवाड़ा से विधायक व पूर्व मंत्री दयाराम परमार ने भी नाराजगी भरा मजेदार पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित किया हैं। परमार ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा है कि मंत्रिमण्डल के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता पड़ती हैंं। कृपया हमें भी बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलियत क्या है? उसको हासिल कर भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके।
परमार ने कहा कि वनमंत्री सुखराम विश्नोई मेरे छात्र रहे हैं। वो मंत्री हैं, उन्हें मैने पढ़ाया है। तो अब बताइए कि ऐसी क्या योग्यता है जो मुझे मंत्री बनने के लिए हासिल करनी चाहिए। दयाराम परमार 6 बार के विधायक रहे हैं। अशोक गहलोत की 1998 और 2008 सरकार में परमार राज्यमंत्री रहे थे। मगर इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। 2018 विधानसभा चुनाव में परमार ने 26 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। परमार 1965 में सरपंच बन गए थे।