करौली : शहर में शनिवार शाम को हिंदूवादी संगठनों की बाइक रैली पर पथराव के बाद उपद्रवियों ने कई दुकानों काे फूंक दिया था। बाजार में खरीदारी करनी आई दो महिलाएं बचने के लिए पास के एक मकान में छुप गईं। मकान भी चारों ओर से आग की लपटों में घिर गया तो महिलाएं व उनके साथ मौजूद बच्चा रोने लगा। बच्चे की आवाज सुनकर कॉन्स्टेबल नेत्रेश दौड़े और बच्चे को गोद में लेकर बाहर की तरफ भागे। पीछे-पीछे महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। तीनों बच गए।
करौली पुलिस चौकी पर तैनात कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बताया कि बाइक रैली पर पथराव और दुकानों में आग लगाने के बाद बाजार में अफरा-तफरी मच गई थी। चारों ओर आग की लपटें और धुआं ही दिखााई दे रहा था। इस बीच, शाम करीब 6:30 बजे फूटा कोट पर मैं भी पुलिस दस्ते के साथ आग पर काबू पाने के प्रयास में जुट गया।
फूटाकोट पर दो चूड़ियों की दुकानें भी जल रही थीं। दुकान के बगल में एक मकान चारों ओर से आग की लपटों में घिरा हुआ नजर आया। मकान से दो महिलाओं और एक बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। बच्चा जोर-जोर से रो रहा था। महिला चिल्ला रही थी कोई तो मेरे बच्चे को बचाओ। मेरे कानों में यह आवाज पड़ी तो मैंने देखा महिलाएं आग से घिरी हुई थीं। मैं दौड़कर वहां पहुंचा और बच्चे को एक कपड़े से ढका। महिलाओं से कहा मैं बच्चे को गोद में लेकर बाहर भागता हूं तुम भी मेरी पीछे दौड़ लगा देना। बच्चे को गोद में लेकर मैं तेज गति से लपटों से बाहर निकला। मेरे पीछे-पीछे दोनों महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। तीनों की जान सुरक्षित बच गई। इसके बाद मकान से थोड़ी सुरक्षित जगह में उनको छोड़ दिया। महिलाओं ने इसके लिए धन्यवाद दिया।
पुलिस ने टि्वटर हैंडल पर की तारीफ
राजस्थान पुलिस ने अपने अधिकारिक टि्वटर हैंडल से दो महिलाओं और बच्चे की जिंदगी बचाने वाले कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा की फोटो शेयर करके जज्बे को सलाम किया है।