माही जलक्रांति यात्रा का सायला में किसान मार्च

माही जलक्रांति यात्रा का सायला में किसान मार्च

सिरोही : राजस्थान किसान संघर्ष समिति की माही जलक्रांति यात्रा का सायला में जबरदस्त स्वागत हुआ। यात्रा के पांचवे दिन यात्रा तालीयाणा गाँव से सती माता मंदिर से प्रारम्भ होकर जीवाणा, सांगणा, आलवाड़ा , दुदवा, मेंगलवा, चौराऊ, वालेरा, वीराना आदि गांवों से जनसभाएं करती हुई निकली। इसमे सायला कस्बे में प्रभारी बलवंत सिंह व छैलसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में सैकड़ो किसानों ने ट्रेक्टरों,मोटरसाइकिलों से यात्रा का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया। पूरे कस्बे में किसान मार्च किया गया जिसमें जोरदार नारेबाजी की गई व कस्बे में व्यापार मंडल ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

यात्रा के लूकजी,अर्जुन सिंह,भबूत सिह,आसू सिंह,दलपत सिंह,हिमता सिंह, हबताराम राजपुरोहित,गेबाराम चौधरी,हडमानाराम चौधरी आदि ने स्वागत किया। यात्रा के छठे दिन आलासन में चामुंडा माता मंदिर से ग्रामसभा कर केशवाना, साफड़ा, तीखी, बिशनगढ़, गोल, खरल, ओटवाला, पुनावास व सुराणा में यात्रा का ठहराव हुआ।

यात्रा में संयोजक विक्रम सिंह पुनासा ने कहा कि माही का पानी आने से हमारे इलाके की तस्वीर व तकदीर बदल जाएगी। माही बांध के आज सभी गेट एक मीटर गेज खोल दिये गए जो खंभात की खाड़ी में जाकर समंदर में खारा हो रहा है। हमारे नेताओं की इच्छाशक्ति कमजोर है। पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी को लेकर चल रहे बड़े आंदोलन में बाद राज्य व केंद्र के सभी नेता वहां की जनता को खुश करने में लगे है। हमारे जवाई बांध पर भी राजनीति हो रही है। जवाई बांध के भराव के बावजूद पानी के लिए गेट नही खोले जा रहे। हम इस यात्रा के समापन पर भीनमाल में बहुत बड़ी किसान रैली करके इन नेताओं को धरती दिखा देंगे।

माही जलक्रांति यात्रा का सायला में किसान मार्च

यात्रा में अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने आह्वान किया कि हम 13 साल से माही बेसिन का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने के लिए उच्च न्यायालय से लेकर संसद,विधानसभा तक लड़ाई लड़ी जिसकी बदौलत मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में इसको लेकर डीपीआर बनाकर एक उच्च स्तरीय कमेठी बनाई है। माही का पानी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा तो जाएंगे लेकिन पानी का हक लेकर रहेंगे।

युवा मोर्चा अध्यक्ष जयन्त मूंड ने बताया कि देश की सरकारें चांद पर पानी की खोज में लगी है लेकिन पड़ोस में पानी व्यर्थ जा रहा है। मरुस्थल का क्षेत्र सदियों से पानी से वंचित है जिसकी वजह से रोजगार पलायन हो रहा है। हमारे क्षेत्र का विकास हमारे भामाशाहो ने किया है यहां सरकारों का योगदान बहुत कम है। इस दौरान सचिव गिमर सिंह कोट, सरपंच हुकुम सिंह धानसा, मीडिया प्रभारी गुमान सिंह लूर, चक्रवर्ती सिंह, आयदान आलासन आदि ने भी सम्बोधन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *