उदयपुर : जिले में आतंक बन चुका आदमखोर तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। जिले के जावर माइंस थाना क्षेत्र में बीते 3 महीनों में 7 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले तेंदुए को वन विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह दबोच लिया। दरअसल, तेंदुआ शिकार की तलाश में गांव पहुंचा था। इस दौरान गांव से सटे जंगलों में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे। जहां तेंदुए को ललचाने के लिए बकरा बंधा हुआ था। इस दौरान बकरे पर हमला करने के लिए जैसे ही तेंदुआ पिंजरे के नजदीक पहुंचा पिंजरा बंद हो गया और आदमखोर बन चुका तेंदुआ वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया।
7 दिन से कर रही थी तेंदुए की तलाश
आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए पिछले 7 दिनों से सर्च ऑपरेशन जारी था। जिसके लिए उदयपुर समेत जयपुर, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ से भी तेंदुए को पकड़ने के लिए ट्रेंकुलाइज टीम पहुंची थी। जो चौबीसों घंटे जंगलों में तेंदुए की तलाश में जुटी हुई थी। इस दौरान वन विभाग द्वारा 8 पिंजरे, 20 ट्रैप कैमरे और 80 से ज्यादा वनकर्मी दिन रात आदमखोर को पकड़ने की कोशिश में जुटे हुए थे। लेकिन कई बार तेंदुआ दिखाई देने के बावजूद वन विभाग की गिरफ्त में ना आ सका। जिसके बाद गुरुवार सुबह वन विभाग की टीम को कामयाबी मिली है।
तेंदुए के पांव के निशान से हुई उसकी पहचान
रेंजर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिछले 7 दिनों से अभियान के तहत लगातार वन विभाग की टीम जंगलों में घूम रही थी। ऐसे में तेंदुए के पांव के निशान के आधार पर उसकी पहचान की गई। जिसके बाद उसके विचरण वाले क्षेत्रों में पिंजरे रखे गए। ताकि जल्द से जल्द उसे पकड़ा जा सके। इसके बाद भूख से बेताब तेंदुआ जब जंगल से गांव की ओर पहुंचा। तब वह वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। जो फिलहाल पूरी तरह सुरक्षित है। जिसे उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया जा रहा है।