भरतपुर नाबालिग दुष्कर्म मामला : आरोपी जज जितेंद्र गुलिया हुआ फरार, पीड़ित के घर लगाई सुरक्षा

भरतपुर नाबालिग दुष्कर्म मामला : आरोपी जज जितेंद्र गुलिया हुआ फरार, पीड़ित के घर लगाई सुरक्षा

भरतपुर: नाबालिग बच्चे के साथ यौन दुराचार के बहुचर्चित मामले में आरोपी जज फरार हो गया। आज सोमवार को जिला प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की मांग पर उनके घर पर सुरक्षा मुहैया करा दी है। प्रशासन ने पीड़ित के घर पर आरएसी के 5 जवानो को तैनात किया हैं।

पीड़ित पक्ष का न्यायालय में बयान दर्ज कराने के लिए बाल कल्याण समिति और पुलिस प्रशासन दिनभर पीड़ित परिवार से संपर्क करने का प्रयास करते रहे। लेकिन पीड़ित परिवार के प्रस्तुत नहीं होने की वजह से बयान नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले के आरोपी जज जितेंद्र गुलिया और उसके दो अन्य साथी राहुल कटारा व अंशुल सैनी फरार हैं। पीड़ित के नहीं हो पाए बयानबाल कल्याण समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर एवं अन्य सदस्य सोमवार को पीड़ित परिवार के घर पर पहुंचे, लेकिन वहां परिवार नहीं मिला। इसके बाद परिवार से फोन पर संपर्क किया गया।

परिवार ने बाल कल्याण समिति के कार्यालय में उपस्थित होने की बात कही, लेकिन वे वहां भी नहीं पहुंचे। बाद में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य पीड़ित के परिवार से मिलने दोपहर बाद फिर से घर पहुंचे। लेकिन फिर से उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। सिटी सीओ सतीश वर्मा न्यायालय में बयान दर्ज कराने के लिए दोपहर बाद पीड़ित परिवार के घर पर पहुंचे, लेकिन उनको भी घर पर परिवार नहीं मिला।

घर पर आरएसी जवान तैनातसीओ सिटी सतीश वर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार की मांग पर उनके घर पर आरएसी के 5 जवान सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए हैं। वहीं समिति अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि पीड़ित परिवार की मदद के लिए बालमित्र और काउंसलर भी नियुक्त कर दिए गए हैं। आरोपी जज और अन्य फरारइस पूरे मामले के मुख्य आरोपी जज जितेंद्र गुलिया और उनके दोनों आरोपी साथी सोमवार को शहर से फरार हो गए। मथुरा गेट पुलिस तीनों की तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि आरोपी जज को बयान देने के लिए पुलिस उनके घर पर लेने गई थी लेकिन वह वहां पर नहीं मिला।

कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम 28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया था। उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया। मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई। 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे। नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी।

जज जितेंद्र का 29 अक्टूबर की रात को पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश करने लगा। पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया। 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी। 31 अक्टूबर को बाल कल्याण समिति सदस्यों की मौजूदगी में मथुरा गेट थाने में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कराया गया।

इस पर आरोपी जज ने भी पीड़ित परिवार पर ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज करा दिया। देर शाम बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने मामले में संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये। इसके बाद आरोपी जज को निलंबित कर दिया गया। पीड़ित परिवार की प्रधानमंत्री को लिखी एक चिट्ठी भी सामने आई, जिसमें जान माल के खतरे की आशंका जताई गई।

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