जयपुर। पंजाब कांग्रेस में चल रहे सियासी विवाद और कलह में अब ऑब्जर्वर हरीश चौधरी के बाद सीएम अशोक गहलोत की भी एंट्री हो चुकी है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कल जयपुर आएगे। CM चन्नी के सम्मान में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम निवास पर भोज रखा है। इस भोज में गहलोत कैबिनेट के सभी मंत्री और प्रमुख कांग्रेस नेताओं को बुलाया गया है।
पंजाब कांग्रेस के विवाद में अब तक सीएम गहलोत ने केवल सोशल मीडिया पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही सलाह दी थी। इसके अलावा कोई बयान नहीं दिया था। अब चन्नी को बड़ा भोज देकर एक तरह से पंजाब कांग्रेस विवाद में गहलोत की भी एंट्री हो गई है। चरणजीत सिंह चन्नी का कल 11 बजे जयपुर पहुंचने और दोपहर बाद 2:15 बजे वापस रवाना होने का कार्यक्रम है। पंजाब कांग्रेस के ऑब्जर्वर हरीश चौधरी भी चन्नी के साथ आ सकते हैं। गहलोत कैबिनेट में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी अब भी चंडीगढ़ में कैंप करके पंजाब कांग्रेस विवाद पर हाईकमान के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं। चन्नी के जयपुर दौरे को कांग्रेस की सियासत के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है।
चन्नी लेंगे सियासी मैनेजमेंट के टिप्स
पंजाब में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में अशोक गहलोत के साथ चन्नी मौजूदा राजनीतिक मसलों पर चर्चा करेंगे। पंजाब में नवजोत सिद्धू के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में कलह जारी है। चन्नी को हाईकमान ने चुनाव से ठीक पहले सीएम बनाया है। ऐसे में सरकार को तेज गति से फैसले लेने के साथ पार्टी को भी साधकर चुनावी मोड में लाना चन्नी के सामने बड़ी चुनौती है। अशोक गहलोत ने कई बार सियासी संकटों का मैनेजमेंट किया है, इसलिए चन्नी गहलोत से पंजाब के सियासी संकट के मैनेजमेंट पर चर्चा करेंगे। गहलोत पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव में टिकट तय करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी के प्रभारी रह चुके हैं, इसलिए भी चुनाव से पहले चन्नी चर्चा करना चाहते हैं।
पंजाब विवाद के बाद कैप्टन अमरिंदर-गहलोत की दोस्ती में आई दरार
कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद पंजाब की सियासी फिजा बदलने के साथ कई नेताओं की दोस्ती भी प्रभावित हुई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत के बीच अच्छी दोस्ती रही है, लेकिन पंजाब के ताजा घटनाक्रम ने इस दोस्ती को भी प्रभावित किया है। पंजाब सीएम से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन को अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कांग्रेस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी। बदले में कैप्टन ने एक इंटरव्यू में दो टूक कहा था कि गहलोत अपना राजस्थान संभालें, पंजाब में हस्तक्षेप नहीं करें। राजस्थान में पहले से बहुत सारी दिक्कतें हैं। अब कैप्टन की जगह सीएम बने चन्नी का गहलोत से मिलने आना नए सियासी समीकरणों की तरफ इशारा कर रहा है।
पानी के मुद्दे पर भी होगी चर्चा
पंजाब सीएम के साथ चर्चा में राजस्थान और पंजाब के बीच नहरी पानी के बंटवारे का मामला भी उठेगा। घड़साना में किसान छह बार पानी देने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब से राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी लेने पर चर्चा के आसार हैं।