ग्राम पंचायत कुंवारिया मामले 51 हजार रुपए का घोटाला करने और नियम विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने के आरोप में ग्राम विकास अधिकारी को जेल

ग्राम विकास अधिकारी

राजसमंद : एसीबी राजसमंद टीम ने साल 2010 में कुंवारिया कस्बे में 51 हजार रुपए का घोटाला करने और नियम विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने की जांच करते हुए तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी जीवराज सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपी ग्राम विकास अधिकारी को सोमवार को विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय एक उदयपुर में पेश किया। जहां से आरोपी जीवराजसिंह को जेल भेजने का आदेश दिया।

एसीबी राजसमंद के पुलिस उप अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि साल 2010 में तत्कालीन ग्राम सेवक और पदेन सचिव जीवराज सिंह ने गायत्री देवी से पट्टा आवेदन पर 51 हजार की डिमांड की थी। गायत्री देवी ने आवेदन शुल्क जमा करवा दिया था, आरोपी ग्राम सचिव जीवराज ने रसीद काटकर मूल प्रति वापस रसीद बुक में चस्पा कर दी। ऐसे में राशि उसने अपने पास रख ली। ग्राम सचिव ने नियम 146 के तहत बैठक रजिस्टर में 3 वार्ड पंचों की कमेटी गठित कर रिपोर्ट प्राप्त नहीं करने, नियम 147 में प्रस्तुत आवेदन स्वीकार और स्वीकार करने का अंकन नहीं करने, नियम 148 में प्रारूप 21 में आपत्ति नोटिस जारी नहीं करने के बाद भी अलग-अलग पट्टा बुक में पट्टे काटकर मूल पट्टों को गायब करने, पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामले ग्राम सेवक युवराज सिंह पर दर्ज किए गए थे।

मामले की जांच एसीबी कर रही थी। इसकी जांच करते हुए एसीबी ने आरोपी जीवराज को गिरफ्तार कर उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने जेल भेजने का आदेश दिया। कांकरोली के किशोर नगर निवासी आरोपी ग्राम विकास अधिकारी जीवराज सिंह 47 पुत्र भंवरसिंह शेखावत वर्तमान में ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत धानीन में कार्यरत है।

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