राजस्थान आवासन मंडल की अनूठी पहल : ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में सकारात्मकता का भाव लाने का किया गया प्रयास

ऑटिज्म

जयपुर। आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर जयपुर चौपाटी, मानसरोवर पर ऑटिज्म बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में ऑटिज्म बीमारी से पीड़ित बच्चों के द्वारा इस कार्यक्रम में भाग लिया गया। बच्चों द्वारा यहां चलने वाले लाइव बैंड का भरपूर आंनद लिया और कईयों ने खुद भी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कई बच्चों ने दिल को छू लेने वाले गाने गाये, किसी ने बांसुरी बजाई और किसी ने बेहतरीन गिटार बजाकर लोगों के दिल को छू लिया।

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उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से ऑटिज्म से लड़ने और इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में सकारात्मकता का भाव लाने का प्रयास किया गया। इस दौरान ऑटिज्म बीमारी के विशेषज्ञ डॉ. सीताराम द्वारा ऑटिज्म बीमारी के बारे में लोगों को बताते हुए कहा कि यह एक मानसिक रोग है, जिसका शिकार बच्चे ज्यादा होते हैं। एक बार ऑटिज्म की चपेट में आने के बाद बच्चे का मानसिक संतुलन संकुचित हो जाता है, इस वजह से बच्चा परिवार और समाज से दूर रहने लगता है। उन्होंने इस बीमारी के सम्बंध में जागरूकता लाने और इसके उपचार के बारे में चर्चा की। इस अवसर पर ऑटिज्म पीड़ित बच्चों द्वारा चौपाटी पर उपलब्ध लजीज व्यंजनों का भी भरपूर आनंद लिया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कम्प्यूटर अनुज माथुर, आवासीय अभियंता राजेन्द्र गुप्ता, आगुंतक और बड़ी संख्या में ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के माता-पिता भी उपस्थित थे।

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