मंदिर खाली करने के दबाव में जयपुर में पुजारी ने खुद को आग लगाई, संत समाज बोला- उग्र आंदोलन करेंगे

संत

जयपुर : शहर में आज सुबह करीब 5 बजे एक पुजारी ने खुद को आग लगा ली। पुजारी ने विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान के घर के बाहर जाकर लगाई। वह लगभग 60 फीसदी जल गए हैं। आग लगाने वाले गिर्राज शर्मा शंकर विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी हैं। आग की सूचना मिलने पर मंदिर में रह रहा पंडित का परिवार मौके पर पहुंचा और पंडित को बचाने की कोशिश की। फिलहाल पंडित गिर्राज शर्मा का एसएमएस अस्पताल के बर्न वॉर्ड में उपचार चल रहा है। पुलिस अधिकारियों ने आसपास लगे CCTV कैमरों को अपने कब्जे में ले लिया है।

अस्पताल में भर्ती पंडित गिर्राज शर्मा ने बताया कि पांच-छह लोग उसे कई समय से परेशान कर रहे थे। इसमें शंकर जोशी सहित कुछ लोग थे। ये लोग चाहते थे की पंडित परिवार के साथ यहां से चला जाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना विकास समिति ने वर्ष 2002 में की थी। मंदिर में पंडित कई सालों से अपने परिवार के साथ रह रहे थे। पिछले कुछ समय से मंदिर ट्रस्ट और उसके बीच में विवाद चल रहा था। इसे लेकर पंडित गिर्राज शर्मा काफी परेशान थे। आज सुबह परिवार सो रहा था। इस दौरान पंडित गिर्राज शर्मा एक बोतल में ज्वलनशील पदार्थ लेकर मूलचंद मान के घर के बाहर गए। वहां उन्होंने खुद को आग के हवाले कर दिया।

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सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज

पंडित की पत्नी चंद्रकांता की रिपोर्ट पर मुरलीपुरा थाना पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें शंकर जोशी, मूलचंद मान, दिनेश धारीवाल, सांवरमल अग्रवाल, अशोक झालानी, मालीराम स्वामी, रामकिशन पर पंडित को प्रताड़ित करने का आरोप हैं। पुलिस ने विकास समिति के कुछ लोगों को डिटेन किया हैं। एसएमएस के डॉक्टरों का कहना है कि पंडित गिरिराज प्रसाद शर्मा की स्थित काफी खराब है। कुछ कहा नहीं जा सकता। पंडित की पत्नी चंद्रकांता ने बताया कि पंडित जी वर्ष 2000 से श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में सेवा कर रहे हैं। 2011 तक इस मंदिर में कोई समिति नहीं थी, लेकिन उसके बाद कुछ कॉलोनी के लोगों ने समिति बनाकर उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। ये लोग वर्चस्व कायम करने के लिए कालोनीवासियों व मेरे पति काे मानसिक प्रताड़ित करते हैं।

चंद्रकांता ने बताया कि मंदिर मे सत्संग, भजन व धार्मिक आयोजन करती महिलाओं के साथ बदतमीजी की जाती है। उनके ढोलक, मंजीरे छीन लेते हैं। मेरे पति को अमृतजल देने, तुलसी देने पर प्रतिबंध लगा देते थे। मेरे बच्चे व बच्चियां मंदिर आते थे तो उनको गाली गलौज व झूठे आरोप लगाकर मंदिर से बाहर निकाल देते थे। इससे मेरे पति मानसिक तनाव में रहने लगे थे। कल रात को भी समिति के लोगों ने पंडित को प्रताड़ित किया, जिसके चलते आज सुबह पंडित ने आत्मदाह कर लिया।

पंडित करीब 60 फीसदी जल गए

गिर्राज शर्मा की पत्नी चंद्रकांता शर्मा ने बताया- ‘पंडितजी ने सुबह कहा था कि वह गांव जा रहे हैं, लेकिन वह दोबारा से मंदिर में आए और फिर निकल गए। दो महीने से लोग परेशान कर रहे थे। मंदिर में पूजा करने के दौरान भी ये लोग परेशान किया करते थे। पंडित जी को मानसाहब, शंकर जोशी, अशोक झालानी, शंकर स्वामी, दिनेश धारीवाल परेशान करते थे। कल शाम को भी इन लोगों ने पंडित जी को परेशान किया था। पंडित बिना स्वार्थ के यहां पर पूजा किया करते थे। किसी से पैसा नहीं लेते थे, उसके बाद भी ये लोग उन्हें परेशान किया करते थे।’

एडिशनल DCP रामसिंह ने बताया कि पंडित गिर्राज शर्मा करीब 60 फीसदी जल गए हैं, उनका इलाज एसएमएस के बर्न वार्ड में चल रहा है। विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान ने कहा- मैं परिवार के साथ कुछ दिनों से बाहर हूं। मेरी जानकारी में है कि कल जन्माष्टमी को लेकर यहां पर मीटिंग हुई। इसके बाद पंडित ने यह सब किया। किसी ने पंडित जी को उकसाया होगा। इसलिए यह कदम उठाया। नहीं तो इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकते थे।

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