उदयपुर। विप्र वाहिनी उदयपुर द्वारा योग, यज्ञ और सनातन ज्ञान के क्रियात्मक प्रशिक्षण के साथ शहर के हिरणमगरी स्थित स्वागत वाटिका में रविवार को प्रातः सनातन पाठशाला का शुभारंभ हुआ। विप्र वहिनी के प्रदेश महासचिव डॉ. विक्रम मेनारिया ने बताया कि पाठशाला का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व कल्याणार्थ गायत्री यज्ञ के प्रशिक्षण के साथ हुआ। यज्ञ का महत्व बताते हुए संस्कार पुरोहित डॉ. भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि प्राणी मात्र के कल्याण हेतु सनातन धर्म की हर क्रिया सम्पादित की जाती हैं।गायत्री महामंत्र के उच्चारण के साथ यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्धि के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग पर आधारित वैदिक ध्यान के अभ्यास से सकारात्मक ऊर्जा, सात्विकता और स्थिरता का अनुभव करवाया गया। प्रशिक्षणार्थियों को यज्ञदेव के साक्षी में सूर्योदय से पहले जागने, ईश्वर, धरती माता और माता पिता आदि सभी बड़ों को प्रणाम करने, चरण स्पर्श करने, ओम और गायत्री महामंत्र जप करने आदि के संकल्प भी दिलवाए गए। ज्योतिषाचार्य अखिलेश शर्मा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न कार्यक्रम में गोविन्द त्रिवेदी विशिष्ट अतिथि रहे। अगले रविवार को पाठशाला में पंचांग देखने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य बालक बालिकाओं को सनातन संस्कृति से परिचित कराने के उद्वेश्य से आरम्भ की गई इस पाठशाला में वैदिक मंत्रोच्चारण सहित हवन करना, ध्यान करना, योग, स्व संस्कृति, स्वराष्ट्र की जानकारी देकर महापुरुषों के जीवन से शिक्षा लेना, खेल और रचनात्मक गतिविधियों से व्यक्तित्व निर्माण करना, नैतिक मूल्यों की जानकारी देना सम्मिलित किए गए हैं। यह पाठशाला प्रत्येक रविवार को स्वागत वाटिका में प्रातः 8:00 बजे से प्रातः 9:00 बजे तक नि:शुल्क आयोजित की जा रही है।इस अवसर पर प्रशान्त त्रिवेदी, आकाश आचार्य,चिराग सारस्वत इत्यादि उपस्थित थे।