उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल, तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग एवं पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी के संयुक्त तत्वाधान में आज विश्व गुर्दा दिवस पर आमजन में जागरूकता लाने के लिए किडनी हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम संयोजक डाॅ.मोहित नरेड़ी ने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत फतहसागर पर किडनी हेल्थ फॉर ऑल थीम पर एक मैराथन दौड़ का आयोजन कर किया गया जिसमे आम नागरिकों के साथ साथ विद्यार्थिर्यो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। मैराथन को आईएमए, उदयपुर के प्रिसिडेन्ट डाॅ.आनन्द गुप्ता,नेफ्रोलाॅजिस्ट डाॅ. मोहित नरेडी, यूरोलाॅजिस्ट डाॅ. हनुवन्त सिंह राठौड, डाॅ. क्षितित राॅका एवं डाॅ. विजय ओला ने झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मैराथन के दौरान आईएमए उदयपुर के प्रिसिडेन्ट डाॅ.आनन्द गुप्ता ने कहा कि किडनी के बारे में आम आदमी में चेतना जगाने के लिए पीएमसीएच की ओर इस तरह का आयोजन तारीफ के काबिल है ओर उदयपुर की जनता को अपने स्वास्थ्य एवं गुर्दो के बचाने के लिए जागरूक एचं सचेत रहना होगा। इस अवसर पर गुर्दारोग विशेषज्ञ डाॅ.मोहित नारेडी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से किडनी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। लोगों को किडनी की बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम ‘किडनी हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गई है. जिसका मतलब है कि सभी के किडनी का स्वस्थ रहना जरूरी है।
डाॅ.मोहित का कहना है कि किडनी की बीमारी का शुरुआती दौर में आसानी से पता नहीं चलता है, लेकिन अगर लोग जागरूक रहेंगे और लक्षणों पर ध्यान दें तो समय रहते ही इस बीमारी का पता चल सकता जिससे की इलाज में आसनी हो सके। इस दौरान मूत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ.हनुवन्त सिंह राठौड़ ने बताया कि किडनी किसी के जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। मानव शरीर को ठीक से काम करने के लिए किडनी की आवश्यकता होती है और स्वस्थ किडनी के बिना सबसे आसान काम भी एक बेहद मुश्किल काम बन जाता है। ऐसे में खानपान और लाइफस्टाइल पर ध्यान देने से किडनी की बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस अवसर पर मूत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ.क्षितित राॅका एवं डाॅ.विजय ओला ने कहा कि किडनी न केवल विभिन्न मेटाबॉलिज्म अपशिष्ट से खून को शुद्ध करती हैं, बल्कि यह बल्ड प्रेशर को रेगूलेट करने, हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करती है, ये हीमोग्लोबिन को सामान्य और हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बेहतर बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाती है। किडनी की बीमारी एक साइलेंट किलर हो सकती है,क्योंकि इस बीमारी में आमतौर पर लंबे समय तक कोई लक्षण नजर नही आता है। समय पर जांच कराने से किडनी की बीमारी का पता जल्दी लगाया जा सकता है। इससे मरीज के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने से पहले ही इसे रोका जा सकता है।
मैराथन में बीएससी नर्सिंग के छात्र चिराग दर्जी, शुभम पटवा एवम दीपक राजपुरोहित ने क्रमश प्रथम द्वितीय एवम तृतीय स्थान अर्जित किया गया। इस दौरान नर्सिग एवं फिजियोथैरेपी के विधार्थीयो के क्विज काॅम्पिटिशन का आयोजन किया गया। जिसमें फिजियोथैरेपी की अपूर्वा प्रथम,हेमन्त द्वितीय एवं बन्टी शर्मा तीसरे स्थान पर रहें तो वही नर्सिग की गायत्री मेवाड़ा ने प्रथम,राकेश चैधरी ने दूसरा तो इशिका वैष्णव तीसरे स्थान पर रही।
सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र एवं ट्राॅफी देकर सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर तिरूपती कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य सुनील जोशी,एसोसिएट प्रोफेसर संजय नागदा,पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी के डीन डाॅ,जफर खान सहित अन्य फैकल्टी उपस्थित रही।