उदयपुर/ डूंगरपुर/ बांसवाड़ा। विप्र फाउंडेशन ने चिरंजीवी भगवान परशुराम के अद्वितीय एवं अतुलनीय जीवन-चरित्र तथा दर्शन को जनमानस तक पहुंचाने तथा उनकी सूक्ष्म सत्ता से धन्य पवित्र स्थलों के जीर्णोद्धार एवं विकास की दिशा में किए जा रहे व्यापक कार्यों को और गति प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु आज जगन्नाथ रथयात्रा की शुभ बेला में “इंडियन सोसायटी फॉर परशुराम कोंसियसनेस” (ISPAC) नामक सोसायटी का गठन किया गया है।
यह घोषणा विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा गुरूजी ने की। शर्मा ने बताया कि यह सोसायटी लोगों में भगवान परशुराम के कार्यों के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकारों से संपर्क कर परशुराम स्थलों के विकास एवं उन्नयन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। वर्तमान में प्रस्तावित इस इक्कीस सदस्यीय समिति के संयोजन का दायित्व साहित्यसेवी, रचनाधर्मी एवं देश-विदेश में भारतीय सनातन संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाली मूलत: राजस्थान के डूंगरपुर से एवं वर्तमान में दिल्ली में कॉलेज व्याख्याता के पद पर कार्यरत प्रख्यात लेखिका डॉ.हर्षा त्रिवेदी को प्रदान किया गया है। सोसायटी के बाकी दायित्वशील सदस्यों की घोषणा भी शीघ्र की जायेगी।