झुंझुनूं : आतंकी हमले में शहीद हुए सूबेदार राजेन्द्र प्रसाद का शनिवार को झुंझुनूं के मालीगांव में अंतिम संस्कार किया गया। 9 साल के बेटे अंशुल भाम्बू ने मुखाग्नि दी। शहीद की अंत्येष्टि में लोगों की भीड़ उमड़ी। सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इससे पहले पार्थिव देह घर पहुंची तो कोहराम मच गया। वीरांगना का सब्र टूट पड़ा और वह बिलखने लगी। बेटे काे मां ने आखिरी बार दुलारा और बेसुध हो गई। शहीद की बड़ी बेटी प्रिया, छोटी बेटी साक्षी और बेटे अंशुल ने हाथों में तिरंगा लेकर पापा के अंतिम दर्शन किए। तीनों ने बड़े ही गर्व से तिरंगे को सीने पर लगाया। शहीद वीरांगना तारामणी, मां श्रवणी, पिता बदरूप्रसाद, छोटे भाई राजेश ने भी अंतिम दर्शन किए। शहीद की अंतिम यात्रा में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी शामिल हुए। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से श्रद्धांजलि प्रदान की।
शहीद राजेन्द्र प्रसाद की पार्थिव देह शुक्रवार देर रात सवा 1 बजे दिल्ली से चिड़ावा आ गई थी। आज सुबह साढ़े 8 बजे के करीब पैतृक गांव मालीगांव के लिए रवाना हुई। चिड़ावा से बगड़ तक पूरे रास्ते में शहीद के सम्मान में जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। जगह-जगह स्कूली बच्चों के साथ ग्रामीण भी तिरंगा लेकर खड़े हुए थे। तिरंगा यात्रा देश भक्ति का जज्बा देखने को मिला। लोगों ने जमकर देश भक्ति के नारे लगाए। युवाओं देश भक्ति का जज्बा देखने को मिल रहा था। करीब 3 घंटे 20 मिनट बाद दोपहर पर 11:45 बजे गांव पहुंची।
गांव में दो दिनों से नहीं जले चूल्हे
राजेंद्र प्रसाद गुरुवार को शहीद हो गए थे। गुरुवार देर रात को शहीद होने की सूचना गांव के कुछ लोगों को मिल गई थी। शुक्रवार को पूरे गांव को राजेंद्र के शहीद होने का पता चल गया था। गांव में शुक्रवार से चूल्हे नहीं जले। शहीद राजेंद्र प्रसाद की पार्थिव देह शुक्रवार दोपहर राजौरी से हेलिकॉप्टर से श्रीनगर लाई गई। पार्थिव देह तीन बजे श्रीनगर से हवाई मार्ग से दिल्ली लाई गई। दिल्ली में हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहां यूनिट के अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर शव परिजनों काे सुपुर्द कर दिया गया था। सूबेदार राजेंद्र जम्मू कश्मीर के राजौरी में 11 अगस्त 2022 गुरुवार तड़के शहीद हो गए थे। राजेंद्र 16 जुलाई को ही छुट्टी मनाकर वापस ड्यूटी पर गए थे। नवंबर में होने वाली अपनी बेटी प्रिया की शादी के लिए आने वाले थे। इस बीच, उनके शहीद होने की खबर परिवार वालों को मिली।