भीण्डर में विजय प्रतीक गणगौर की राजशाही ठाठ से निकली भव्य सवारी

गणगौर

भीण्डर। भीण्डर में भीण्डर राज परिवार एवं सनातन धर्मोत्सव सेवा समिति के सयुंक्त तत्वावधान में आन, बान, शान व विजय प्रतीक गणगौर की सवारी धुमधाम व शाही अंदाज में निकाली गई। गणगौर सवारी का नागरिकों ने पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया और सुरजपोल चौराहे पर दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित हुई। गणगौर सवारी में पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं की भी पूरी भागीदारी रही।राजमहल भीण्डर के गणेश चौक में भीण्डर परिवार से दीपेन्द्र कुंवर के नेतृत्व में जनानाओं ने गणगौर की आरती व पूजा-अर्चना की। इसके बाद सवारी के लिए गणगौर विदा हुई। गणगौर को राजमहल से खुली जीप में सवार कर नगर के रावलीपोल, सर्राफा बाजार, नृसिंह मन्दिर रोड होते हुए सुरजपोल पर पहुंची।

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गणगौर सवारी में सबसे आगे अश्व चल रहे थे उनके पीछे बैण्डबाजे मधुर स्वर लहरियां बजाते चल रहे थे। इनके पीछे वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर के नेतृत्व में नगर एवं आसपास क्षेत्र के समस्त क्षत्रिय एवं नागरिक पारम्परिक वेशभुषा में चल रहे थे। सबसे अन्त में खुली जीप में सवार गणगौर को शादी अंदाज के साथ राजशाही ठाठ-बाट से सवारी निकाली जा रही थी। सुरजपोल चौराहे पर सनातन धर्माेत्सव समिति भीण्डर, व्यापार मण्डल, नगर पालिका भीण्डर द्वारा पुष्पवर्षा करके स्वागत करके गणगौर को दर्शन किए रखा गया। यहां से पुनः गणगौर सवारी रवाना होकर राजमहल पहुँची जहां पर दीपेन्द्र कुंवर ने गणगौर का स्वागत करके गणेश चौक में ले जाया गया। वहां पर जनानाओं द्वारा घूमर की गई।

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पारम्परिक वेशभुषा में लिया भाग

गणगौर सवारी में क्षत्रिय समाज सहित नगर के नागरिक पारम्परिक वेशभुषा में भाग लिया। सवारी को देखने नगर की सैकड़ों महिलाएं राजमहल पहुंची। इसके बाद सवारी को देखने के लिए भी नगर के प्रमुख चौराहों, गलियों सहित सभी जगह पर सवारी देखने के लिए भीड़ जुटी। वहीं सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस जाप्ता तैनात रहा। वहीं राजमहल में भीण्डर एवं आसपास क्षेत्र के क्षत्रियों ने रणधीरसिंह भीण्डर को नजराना पेश करके पारम्परिक रस्म अदा की।

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