संस्कारों से ही मानव के सफल मस्तिष्क का निर्माण होता है : बी.के.शिवानी

न्यूरोथियोलॉजी

उदयपुर। बच्चों को संस्कार माता के गर्भ से मिलना ही शुरू हो जाते हैं जो संस्कार बच्चों को 9 महीने में मिलते हैं उससे ही उनका ब्रेन विकसित होता है। संस्कार से संसार बनता है अगर बच्चों को हम अच्छे संस्कार नहीं देंगे तो बच्चा चाहे कितनी भी ऊंचाइयों पर पहुंच जाए वह सफल व्यक्ति नहीं बन सकता इसलिए सभी माॅ-बाप अपने बच्चों के संस्कारों पर ध्यान दे। यह बात ब्रह्मकुमारीज शिवानी बहन ने कही।

दरअसल बी.के.शिवानी ने यह विचार पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर एवं ब्रह्माकुमारीज संस्थान आबू पर्वत के सहयोग से स्वामी विवेकानंद सभागार, मोहन लाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी, उदयपुर में आयोजित न्यूरोथियोलॉजी पर 10वाँ उदयपुर सम्मलेन में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहे। उन्होंने कहा कि अपने अपने संस्कार को अच्छा बनाने के लिए हमें विज्ञान और आध्यात्म की शक्ति को अपनाते हुए हमें अपनी लाइफ स्टाइल को भी बदलना पड़ेगा।

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न्यूरोथियोलॉजी पर 10वाँ उदयपुर सम्मलेन का उद्घाटन प्रख्यात मनोचिकित्सक रिरि त्रिवेदी, डीआईजी भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो राजेन्द्र गोयल, पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल,प्रीति अग्रवाल,वाइस चाॅसलर डाॅ.ए.पी.गुप्ता, पीएमसीएच के प्रिसिंपल डाॅ.एम.एम.मंगल, न्यूरोंसाइन्सेस विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ.अतुलाभ वाजपेयी, डाॅ.मनीशा वाजपेयी एवं ब्रम्हाकुमारीज संस्था आबू पर्वत के कार्यकारी सचिव डाॅ. मृत्युंजय ने दीप प्रज्जवलन करके किया।

इस अवसर पर प्रख्यात मनोचिकित्सक रिरि त्रिवेदी ने कहा कि बच्चों को डर एवं हीन भावना से ग्रसित नहीं होने देना चाहिए ताकि उनका पोषण न हो सके और उनका सर्वागीण विकास हो सके। न्यूरोंसाइन्सेस विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने इस कार्यक्रम में अध्यात्म का न्यूरोलॉजिकल एवं वैज्ञानिक आधार पर जानकारी दी। उन्होने कहा कि जैसा हम अक्सर बात करते हैं कि हमारा बुद्धिमान भागफल (आई.क्यू) को दर्शाता है दूसरा भावनात्मक गुणक (ए.क्यू) को दर्शाता है, जो हमारे आपस में परस्पर स्नेह पूर्ण संबंधों का मानक है यह आई.क्यू लेफ्ट ब्रेन को नियंत्रित करने वाला होता है एवं एक्यू मुख्यतः राइट ब्रेन से नियंत्रित होता है जब राइट और लेफ्ट ब्रेन दोनों समन्वय से काम करते हैं तब एसक्यू स्प्रिचुअल इंटेलिजेंट का निर्माण होता है जोकि एक प्रकार की उच्च विद्वता का मानक है इसके निर्माण से हम जीवन में सुख शांति करुणा स्नेह की अनुभूति करते हैं एवं तनाव रहित रह पाते हैं स्प्रिचुअल इंटेलिजेंट के निर्माण में योग ध्यान प्राणायाम की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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सम्मलेन में शिक्षाविदों द्वारा आधुनिक शिक्षा एवं शिक्षा नीति पर चर्चा की गई जिसमें पीएमयू चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल,वाइस चाॅसलर डाॅ.ए.पी.गुप्ता, सांई तिरूपति विश्वविद्यालय के वाइस चाॅसलर डाॅ.जे.के छापरवाल,गोतम बुद्ध वि.वि.नोएडा के पूर्व उपकुलपति डाॅ.बी.पी.शर्मा,सीटीएई काॅलेज के डीन डाॅ.पी.के.सिंह,आईआईएम उदयपुर के प्रोफेसर डाॅ.सौरभ गुप्ता,स्कालर्स एरिना के डाॅ.लोकेश जैन,सीईओ एमएमपीएस सजय दत्ता,डीपीएस के सजय नरवानिया,माउण्ट लिटेरा स्कूल की प्राचार्य नैना चैवरे,संज्ञीतज्ञ डाॅ.प्रेम भण्डारी एवं माउण्ट आबू स्थित ग्लोबल हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर के निदेशक डाॅ.प्रताप मीढा ने चर्चा में भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इस समूह चर्चा का संचालन उदयपुर के जाने माने वक्ता डाॅ.आनन्द गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के अन्त में ब्रम्हाकुमारीज संस्था आबू पर्वत के कार्यकारी सचिव डाॅ.मृत्युंजय ने दिव्य संदेश देकर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन मे मंच संचालन आशीष शर्मा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में 1500 से ज्यादा लोगो की उपस्थिति रही।

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