सेवा भारती समिति ने कोविड-19 के समय सेवा में लगे लोगों का किया सम्मान

कोविड

श्रीगंगानगर : संतों के सानिध्य में सेवा भारती समिति की ओर से सेवा सम्मान और स्नेह भोज का आयोजन मुकेश ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की पूजा करके किया गया। महात्मा शीतल दास जी डेरा हिरणावाली हनुमानगढ़ जंक्शन का पावन सानिध्य रहा। आशीर्वचन संत हरबंस दास रविदास मंदिर श्रीगंगानगर, मुख्य वक्ता स्वरूप दान प्रांत संगठन मंत्री सेवा भारती जोधपुर, मुख्य अतिथि स्वामी कर्म नाथ वाल्मीकि आश्रम मटीली राठान श्रीगंगानगर, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संजीव चुग अध्यक्ष सेवा भारती समिति श्रीगंगानगर द्वारा की गई। डॉक्टर संजीव चुग ने बताया कि सेवा भारती द्वारा चार प्रकार के प्रकल्प चलाए जाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक देशभर में सेवा भारती के माध्यम से लगभग ढाई लाख सेवा कार्य चल रहे हैं

महात्मा शीतल दास ने कहा कि हम सब एक होकर रहें देश को आगे बढ़ाने का काम करें गरीब, दुखी, वंचित , आश्रितों की सेवा करते रहें। उन्हें ऊपर उठाने का काम करते रहें। संत हरवंश दास रविदास मंदिर ने बताया कि हमारे गुरुओं ने ओर हमारे संतो ने अपने जीवन से संपूर्ण समाज के लिए सोचने वाली सोच, और समाज की सेवा करने वाली प्रेरणा दी है। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के संत समाज एक मंच पर इकट्ठे होकर समाज को आगे बढ़ाने का विचार कर रहे हैं। स्वामी कर्म नाथ वाल्मीकि आश्रम मटीली राठान ने बताया कि भगवान वाल्मीकि ने अपने विद्या व कलम के सहारे रामायण की रचना की। रामजी, सीताजी, दशरथ, लक्ष्मण, और हनुमानजी के जीवन चरित्र का ज्ञान लिखकर दुनिया को विद्वान बनाया। वह ग्रंथ आज हम सभी के लिए प्रेरणादाई है एवं अनुकरणीय हैं।

बाबा गुरप्रीत सिंह सोनी ने बताया कि कोरोना काल में सेवा करने वालों को सेवा सम्मान आज बहुत बड़ा सम्मान है। गुरुओं ने कहा है कि सबसे पहले सेवा का काम अपने माता-पिता से शुरू करना चाहिए। बाबा गुरप्रीत सिंह सोनी ने सोने-चांदी के चलते कारोबार को छोड़कर संत बनकर सेवा कार्य शुरू किया और आज रोज 2 क्विंटल आटे का लंगर अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है। इस कार्य को संतों के आशीर्वाद से और समाज के सहयोग से ईश्वर की कृपा से पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेवा भारती समिति श्रीगंगानगर द्वारा आज मुझे मंच पर बुलाकर मुझे सम्मानित किया गया। सेवा भारती समिति का मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। बाबा गुरप्रीत सिंह ने एक कविता के माध्यम से समाज की स्थिति पर प्रकाश डाला और सेवा को अपने जीवन का असली आनंद बताया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्वरूप दान प्रांत संगठन मंत्री जोधपुर ने बताया कि सेवा भारत के रक्त में है, भारत के कण-कण में है, भारत की संस्कृति में है। सेवा समर्पण के बिना भारतीय समाज के सांस्कृतिक इतिहास को नहीं लिखा जा सकता। भारत के संगठित समाज की रीढ़ सेवा भावना है। आज भारत के समाज का प्रत्येक व्यक्ति सेवा से जुड़ा है। चाहे वेतन से हो मन से हो या धन से भारत के इस सेवा भाव को सेवा भारती के माध्यम से देश के कोने कोने में सेवा भारती के कार्यकर्ता पहुंचा रहे हैं। सेवा भारती के कार्यकर्ता आज विश्व में भी सेवा के कार्य चला रहे हैं। स्वरूप दान ने बताया कि समाज मानव शरीर की भांति है जिसके सभी अंग समान कार्य करते हैं, कुछ दिखाई देते हैं कुछ दिखाई नहीं देते। अगर शरीर का कोई अंग बीमार पड़ जाता है तो असर संपूर्ण शरीर पर पड़ता है। इसी प्रकार समाज का अगर कोई व्यक्ति कमजोर पड़ता है तो उसका असर संपूर्ण समाज पर पड़ता है। इसलिए समरस समाज का निर्माण हो देश और समाज के लिए आवश्यक है। आज सेवा भारती द्वारा देश के अभावग्रस्त समाज ,उपेक्षित समाज ,पिछड़े वर्ग , शोषित, वंचित को समान धारा में लाकर एक समरस व समर्थ संस्कृति का निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है।

प्रांत संगठन मंत्री स्वरूप दान ने बताया कि सेवा भारती द्वारा बाल संस्कार केंद्र चिकित्सा केंद्र छात्रावास सिलाई प्रशिक्षण केंद्र योग केंद्र ऐसे कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। इसके अलावा सेवा भारती संगठन आपातकालीन व्यवस्थाओं के लिए भी तुरंत सेवा कार्य में जुट जाता है। गंगानगर में कोविड-19 के समय सेवा में लगे लोगों का सम्मान सेवा भारती द्वारा किया गया। जिन्हें एक सम्मान प्रतीक एवं भारत माता का चित्र भेट किया गया। सेवा सम्मान में सचिन कौशिक, गगन अग्रवाल, राजेंद्र छाबड़ा, राकेश नारंग ,डॉक्टर महेश महेश्वरी, सुभाष गर्ग ,डॉक्टर साहिल जिंदल, भीमा मराठा, डॉ भारती बंसल, अशोक नागपाल, खरबंदा टेंट हाउस, अमर धूडीयां, डॉक्टर प्रेम मित्तल, डॉ सीमा माहेश्वरी ,शाक्य महासभा समिति, सोनी सेवा आश्रम, गौरव जैन, धर्मेंद्र शर्मा,रूबी चौधरी प्रधानाचार्या राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नंबर 9, देवेंद्र अग्रवाल, पवन बबीता गॉड, अतुल जसूजा, राजन सतीजा, तरसेम गुप्ता आदि को सम्मानित किया।

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