जयपुर : बीजेपी नेताओं को मूर्ख बताने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सियासी विवाद हो गया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम अशोक गहलोत के बयानों पर जवाबी हमला बोला है। पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को राजस्थान आकर क्यों नहीं पीड़ितों-वंचितों से मिलना चाहिए? क्या गहलोत सरकार के राज में राजस्थान में दलितों, बहन-बेटियों पर अत्याचार नहीं हो रहे हैं? एनसीआरबी के आंकड़े यह स्पष्ट कर चुके हैं, फिर भी गहलोत झूठ पर झूठ बोल रहे हैं, अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को डर है कि राहुल-प्रियंका राजस्थान आएंगे तो यहां की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था की पोल खुल जाएगी या हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कहें।
पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत खुद बयानबाजी के अलावा क्या करते हैं, उन्होंने संपूर्ण किसान कर्जमाफी और लंबित भर्तियों के मामलों पर वादाखिलाफी करने के अलावा क्या किया है, प्रदेश के किसान और युवा आपसे जवाब मांग रहे हैं। राहुल-प्रियंका चुनावी वादे पूरे करने के लिए अशोक गहलोत को क्यों नहीं कहते हैं, क्या कांग्रेस का आलाकमान कमजोर है? रीट परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने में मुख्यमंत्री को क्या दिक्कत है, अगर उनमें ईमान है तो युवाओं के हित में इस परीक्षा की सीबीआई जांच की सिफारिश करें, जिससे निष्पक्ष जांच हो सके।
सरकार ने कोयले की समय पर मांग नहीं की जिससे संकट आया
कोयला संकट को लेकर सतीश पूनिया ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा-राजस्थान में कोयले की किल्लत इसलिए हुई कि जब कोयला मिल रहा था तब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने कोयले को समय पर नहीं उठाया और न समय पर मांग की। राज्य में दूरदर्शी सरकार होती तो समय पर कोयला की मांग करती, जिससे 6 थर्मल प्लांट्स पर बिजली उत्पादन का संकट नहीं आता। डिमांड और सप्लाई का गैप आया वो कोयले की कमी के कारण आया, जिसकी वजह राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार मांग व आपूर्ति का संतुलन नहीं बना पाई, जिससे प्रदेश में यह संकट आया।