जयपुर। गुरु और शिष्य के आत्मिक संबंधों का पर्व गुरू पूर्णिमा महोत्सव बुधवार को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी के दो साल बाद शिष्यों ने अपने गुरू का भक्ति भाव से पूजन कर उनके श्रीचरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। मठ, मंदिरों और आश्रमों में में पूर्ववर्ती आचार्यों का पूजन करने के बाद शिष्य वर्तमान गुरू की वंदना की गई। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की से ब्रह्मपुरी और वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ, मानसरोवर के वेदना निवारण केंद्र, दुर्गापुरा, जनता कॉलोनी, वैशाली नगर, सांगानेर सहित कई चेतना केंद्र पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। वेदमाता गायत्री और गुरू सत्ता का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन किया गया।
गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि ब्रह्मपुरी और मानसरोवर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रेखा श्रीवास्तव, गायत्री कचोलिया, गायत्री तोमर, दिनेश कुमार ने महायज्ञ संपन्न करवाया। गुरु वंदना की भक्ति में प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर गायत्री परिजनों को गुरु कार्य के लिए अधिक से अधिक समयदान और अंशदान करने का संकल्प करवाया गया। श्रद्धालुओं ने गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ विश्वकल्याण की कामना के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की। पूर्णाहुति में अधिक से अधिक पौधे लगाने का भी संकल्प लिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में गुरु दीक्षा संस्कार भी संपन्न हुआ। नए लोगों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा लेकर प्रतिदिन गायत्री मन्त्र जप करने के लिए खुद को संकल्पित किया। किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केंद्र में आयोजित नौ कुंडीय महायज्ञ में सैकड़ों लोगों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुति अर्पित की।