जयपुर : बीवीजी इंडिया के 276 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में RSS प्रचारक निंबाराम ACB मुख्यालय में पेश हुए। ACB मुख्यालय में निंबाराम से 3 घंटे तक पूछताछ हुई। वे हाईकोर्ट के ऑर्डर व कुछ दस्तावेज लेकर पहुंचे थे। गत 29 सितम्बर को ही RSS प्रचारक निंबाराम को हाईकोर्ट से राहत मिली थी। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर एक सप्ताह तक की रोक लगा दी है। कोर्ट ने निंबाराम को ACB में जांच के लिए पेश होने के आदेश दिए थे। वह एडीसीपी राजेंद्र नैन के पास पेश हुए। निंबाराम से कई सवाल-जवाब किए गए। जांच अधिकारी ने उनसे कई दस्तावेज भी मांगे। उन्होंने कुछ दिनों के बाद दस्तावेज देने की बात कही। पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को लेकर भी पूछताछ की गई। शाम 6 बजे के बाद वे ACB मुख्यालय से निकले।
ACB ने तीन महीने पहले दर्ज की थी FIR
तीन महीने पहले ACB ने नगर निगम ग्रेटर जयपुर की निलंबित महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, मैनेजर संदीप चौधरी और आरएसएस प्रचारक निंबाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। RSS प्रचारक निंबाराम पर लेनदेन की बातचीत में सहयोगात्मक भूमिका का आरोप लगाया था। वीडियो में राजाराम, ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी के साथ निंबाराम भी बातचीत करते हुए नजर आए थे।
राजनीतिक द्वेष के चलते नाम किया गया शामिल
करीब एक महीने पहले निंबाराम ने एसीबी में दर्ज FIR और कार्रवाई को रद्द करवाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें निंबाराम की ओर से कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेष के चलते शामिल किया है। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता सार्वजनिक मंच पर उनके खिलाफ बयानबाजी कर प्रस्ताव पारित कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के बयान दे रहे हैं।