राजपूत नेता गिरिराज सिंह लोटवाड़ा का कोरोना से निधन

-राजपूत नेता गिरिराज सिंह लोटवाड़ा के निधन से राजस्थान में शोक की लहर

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जयपुर: देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप उफान पर है। बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है। एक के बाद एक दुखद सूचनाएं आ रही है। आज राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा का दुखद निधन हो गया। उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते RUHS में भर्ती कराया गया था। लोटवाड़ा की सांस में तकलीफ के चलते तबीयत बिगड़ी थी। इसी के चलते उन्होंने आज सुबह अस्पताल में आखिरी सांस ली। उसके निधन पर पूरे राजपूत समाज में शोक की लहर छा गई।

गिरिराज सिंह लोटवाड़ा के निधन पर सीएम गहलोत ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा के निधन की जानकारी दुखद है। समाज के हित में स्व. श्री लोटवाड़ा ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया, उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। ईश्वर शोकाकुल परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें, दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

 

डॉ. महेश जोशी ने ट्वीट कर गहरा दुख जताया
लोटवाड़ा के निधन पर मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने गहरा दुख जताया है। महेश जोशी ने दुख जताते हुए कहा कि लोटवाड़ा ने सर्व समाज के लिए जीवन भर योगदान दिया। उनका असमय जाना सर्व समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। लोटवाड़ा का कोरोना से असमय निधन सर्व समाज के लोगों के लिए बड़ा संदेश। सभी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, सरकारी गाइड लाइन की पालना करें।

 

गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट कर शोक जताया

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट कर शोक जताया है

 

 

कांग्रेस नेताओं ने जताया दुख
गिरिराज सिंह लोटवाड़ा के निधन पर कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़, करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने शोक जताया है और राजस्थान के लिए इसे अपूरणीय क्षति बताया। समाज को आगे बढ़ाने और शिक्षा की अलख जगाने में उनका बड़ा योगदान था। राजपूत सभा भवन के जरिए निर्धन परिवारों की शिक्षा और रोजगार की दिशा में लंबे समय से लोटवाड़ा काम कर रहे थे।

गिरिराज सिंह लोटवाड़ा नामचीन शख्सियत थे
गिरिराज सिंह लोटवाड़ा नामचीन शख्सियत थे। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अतुलनीय काम किया है। सामाजिक कुरीतियों के वह सदैव खिलाफ रहे हैं। इसके साथ ही उनके मन में हमेशा यही ठीस रहती थी कि देश-प्रदेश के लिए कुछ करके जाना है। राजपूत सभा भवन को उन्होंने अपने बेजोड़ कार्यकाल में नई ऊंचाइयां दी। वो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सेंटर को लगातार प्रभावी बनाने में लगे रहे। कई IAS-RAS अधिकारी यहीं से पढ़ाई करके निकले हैं। भले ही यह कोचिंग सेंटर राजपूत समाज द्वारा संचालित हो, लेकिन यहां सभी जाति वर्ग धर्म के छात्र समान रूप से कोचिंग लेते थे। केवल राजपूत समाज का ही नहीं होकर यह कोचिंग संस्थान सभी के लिए था। वो हमेशा समाज को नई दिशा देने में लगे रहे ।

 

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