बीकानेर : श्रीडूंगरगढ़ की रोही में तेंदुआ दिखाई देने के बाद किसानों में दहशत का माहौल है। किसान बुरी तरह से डरे व सहमे हैं। इस डर के चलते किसान चार दिन से रात को पानी की लाइनें भी अपने खेतों में नहीं बदल पा रहें है। जानकारी के अनुसार गांव तोलियासर की रोही में मुन्नीनाथ के खेत में खेजड़ी के नीचे तेंदुए को देखा गया है। वन विभाग की टीम के साथ करीब चार घण्टे 35-40 किसानों ने उसे तलाश करने का प्रयास किया परंतु कामयाबी नहीं मिली। किसानों का कहना है कि रात को 6-7 किसान मिलकर एक खेत में लाइन बदलने गए तो तेंदुए ने गुर्राहट के साथ उनका पीछा किया। सभी ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
किसान लेखराम जाट, तुलसीराम पुरोहित, सीताराम गोदारा, हीराराम जाट ने बताया कि सारी रात आग जला कर बैठे रहें। किसानों ने बताया इस तेंदुए ने उनका खाना, पीना और सोना भूला दिया और दहशत का माहौल बना दिया। डर के मारे किसान अपनी ढाणी से बाहर निकल नहीं पा रहें है। साथ गाय, भैंस, बकरियों की सुरक्षा की चिंता में जान सुख रही है। बता दे कि किसानों का दावा है कि ये तेंदुआ तोलियासर से सातलेरा के बीच की रोही में घूम रहा है, जो कि नुकसान पहुंचा सकता है।
उल्लेखनीय है कि श्रीडूंगरगढ़ कस्बे से कुछ ही दूरी पर तोलियासर दिखनादी एरिया में तेंदुए के फुट प्रिंट मिलने के बाद से ही गांव में डर है। 4 दिन पहले बुधवार को तोलियासर दिखनादी रोही में किशननाथ सिद्ध ने अपने खेत में किसी बड़े शिकारी जानवर के फुटप्रिंट देखे तो उसने ग्रामीणों को जानकारी दी। उस दौरान सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने मौका देखकर माना कि यह फुट प्रिंट तेंदुए के है। उसके बाद गांव वाले समूहबद्ध होकर चौकसी करने लगे।
शुक्रवार को ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम ने तेंदुए को ढूंढने की नाकाम कोशिश की। बताया जा रहा है कि तेंदुआ सरसों के खेतों में छिपा हुआ है। यहां पानी की लाइन बदलने के लिए गए 7-8 किसानों ने तेंदुए को देखा है। जब ये किसान पानी की लाइन बदलने जा रहे थे तो यहां तेंदुआ इन पर गुर्राया था। वन विभाग की टीम ने इस दौरान ग्रामीणों को स्वयं के साथ मवेशियों को भी सुरक्षित रखने की सलाह देते हुए सतर्क रहने की बात कही है। टीम ने अंदेशा जताया है कि ये तेंदुआ तोलियासर से सातलेरा के बीच की रोही में हो सकता है।