जयपुर : प्रदेश में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के बाद अब इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कांस्टेबल परीक्षा पर सवाल उठाते हुए कह कि कॉन्स्टेबल परीक्षा में सिर्फ 14 मई ही नहीं बल्कि चारों दिन का पेपर लीक हुआ है। ऐसे में पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द करते हुए नए सिरे से परीक्षा का आयोजन होना चाहिए। साथ ही इस पूरे प्रकरण की CBI से जांच होनी चाहिए।
सांसद किरोड़ी लाल ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत भर्ती परीक्षा का पेपर आउट किया गया है। जिसके लिए परीक्षा का आयोजन कराने वाली टीसीएस कंपनी के साथ ही राजस्थान पुलिस के कई आला अधिकारी भी शामिल है। जिन्होंने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए इस पूरे पेपर लीक प्रकरण को अंजाम दिया है। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि टीसीएस कंपनी सिर्फ ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन कराती है। लेकिन ऑफलाइन आयोजित होने वाली कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए पुलिस के अधिकारियों ने टीसीएस को परीक्षा का आयोजन कराने की जिम्मेदारी सौंपी। जबकि टीसीएस के खिलाफ पहले भी कई बार भर्ती परीक्षा के आयोजन में धांधली की शिकायत दर्ज हो चुकी है। बावजूद इसके पुलिस ने सभी शिकायतों को दरकिनार करते हुए टीसीएस को परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी।
परीक्षा आयोजन के कई सेंटर भी थे ब्लैक लिस्टेड
किरोड़ी ने कहा कि सिर्फ 14 मई ही नहीं, बल्कि 13, 15, और 16 मई का पेपर भी परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने उसे वायरल पेपर बताकर मामला दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सिर्फ पेपर लीक ही बल्कि जिन सेंटरों पर परीक्षा का आयोजन किया गया वह भी ब्लैक लिस्टेड थी। लेकिन सरकारी सेंटर को छोड़ कॉन्स्टेबल भर्ती प्राइवेट सेंटर पर आयोजित की गई। इससे साफ जाहिर होता है कि भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। वहीं अब सरकार रीट भर्ती परीक्षा के आयोजन के लिए भी सरकार ने टीसीएस को जिम्मेदारी दी है। ऐसे में कॉन्स्टेबल, JEN , रेलवे के बाद अब रीट का पेपर भी आउट होने की सम्भावना बढ़ गई है। जिससे तैयारी कर रहे लाखों युवाओं का भविष्य अधर-झूल में अटक गया है।
पुरे मामले की CBI से हो जांच
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश के 18 लाख युवाओं का भविष्य कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा से जुड़ा हुआ है। मीणा ने कहा कि भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में सत्ता के कई रसूखदार लोग भी शामिल है। ऐसे में राजस्थान पुलिस और SOG इस मामले में कुछ नहीं कर पाएगी। इसलिए इस पूरे मामले की CBI से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि SOG अब तक REET के आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है। ऐसे में पेपर लीक प्रकरण में राजस्थान अब उत्तर प्रदेश और बिहार से भी बदतर स्थिति में पहुंच चुका है।