उदयपुर: राज्य के कुल जनजाति आरक्षण 12 प्रतिशत में से अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत आदिवासियों को 6-5 प्रतिशत पृथक आरक्षण राज्य प्रशासनिक सेवा एवं अन्य सेवाओं में मिले तथा अनुसूचित क्षेत्र की विभिन्न भर्तियों में आरक्षण विसंगतियों को सही करने तथा जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर संभागीय मुख्यालय उदयपुर पर प्रदर्शन कर संभागीय आयुक्त एवं जनजाति आयुक्त को ज्ञापन सौंपा ।
11 बजे संभागीय मुख्यालय उदयपुर चेटक सर्कल पर बांसवाड़ा, डॅूगरपुर, उदयपुर,प्रतापगढ़ जिलों के जनजाति युवा एकत्र होकर रघुवीर मीणा पूर्व सांसद,ताराचन्द भगोरा पूर्व सांसद,मांगीलाल गरासिया पूर्व मंत्री,नगराज मीणा विधायक, टी.सी. डामोर पूर्व कुलपति, देवराम रोत प्रधान बीछीवाड़ा,गंगाराम मीणा प्रधान जयसमंद,सोमेश्वर मीणा],डॉ. मानसिंह निनामा, के.बी. मीणा नगरपालिका अध्यक्ष, भरत पारगी प्रधान सुहागपुरा, सुनील भजात पी.सी.सी. सदस्य बंशीलाल डामोर, विक्रम कटारा,लक्ष्मण कोटेड़ पूर्व प्रधान, रूपलाल मीणा, धुलीराम मीणा प्रधान झल्लारा, वीरसिंह रावत, रामलाल मीणा सरपंच साकथली एवं कई सरपंचों,वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ता एकत्र होकर प्रदर्शन कर मोहता पार्क, चेतक सर्क से पेदल चलकर संभागीय आयुक्त कार्यालय तक पहुंच सभा में परिवर्तित हुए तथा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट एवं जनजाति आयुक्त मनीष मयंक (आई.ए.एस.) को ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की कि अनुसूचित क्षेत्र में प्रदत्त आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने एवं राज्य सेवाओें में राजस्थान के 12 प्रतिशत जनजाति आरक्षण में से 6-5 प्रतिशत अनुसूचित क्षेत्र हेतु देने की मांग की ताकि इस क्षेत्र के प्रतिभावान युवाओं को अवसर मिल सके। ज्ञापन में यह भी मांग की कि टी.एस.पी. में लागू क्लोज केडर को समाप्त करें तथा 4-7-1016 की अधिसूचना को हटाने की मांग की गई।