अलवर : सरिस्का के अबजपुरा रेंज के बिरकड़ी गांव के पास 4 साल का लेपर्ड 40 फीट कुएं में गिर गया। जिसे वन विभाग की टीम ने ट्रैंकुलाइज कर बाहर निकाला। कुएं के अंदर भी लेपर्ड को पानी पिलाया गया। ताकि गर्मी से कुछ राहत मिले। इसके बाद ट्रैंकुलाइज किया गया। सरिस्का की अजबपुरा रेंज को बुधवार दोपहर को लेपर्ड के कुएं में गिरे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद रेंज कार्यालय की टीम मौके पर पहुंची। सूखे कुएं में लेपर्ड गिरा मिला। रेंजर भरतलाल टीम के साथ गए। मौके पर पशु चिकित्सक डॉ दीनदयाल मीना एवं फॉरेस्टर देवेंद्र मीना भी पहुंचे।
पहले कुएं में जाल डाला
वनकर्मियों ने पहले कुएं में जाल डाला। इसके बाद लेपर्ड को पानी पिलाया गया। कुएं रस्से से बाल्टी लटकाई। कई देर तक कुएं में बाल्टी लटकी रही। इस दौरान कुएं में ही लेपर्ड ने पानी भी पिया। उसके बाद लेपर्ड को रेस्कयू किया गया। कुएं पर वनकर्मियों के पहुंचने के बाद लेपर्ड गुर्राया भी। जैसे ही बाहर लोगों की आवाज सुनी तो लेपर्ड बेचैन दिखा। हालांकि पानी पीने के बाद उसे राहत मिली। फिर रेस्क्यू कर बाहर निकाला। इसके बाद उसे जंगल में छोड़ा गया।
रेस्क्यू कर सरिस्का में छोड़ा
करीब दो घंटे में रेस्क्यू किया गया। वापस सरिस्का के जंगल में छोड़ा गया। संभावना है कि लेपर्ड बुधवार सुबह शिकार के समय कुएं में गिरा है। ग्रामीणों को कुएं से गुर्राने की आवाज आने पर पर पता गला। इसके बाद वन प्रशासन को सूचना दी। रात करीब पौने आठ बजे तक रेस्क्यू कर लिया गया। एक्सपर्ट ने बताया कि ट्रैंकुलाइज करते समय किटामिन व जाइलॉजिर दवा काम लेते हैं। अलग-अलग जीव में मात्रा कम ज्यादा होती है। इस दवा से करीब 20 मिनट तक वन्यजीव बेहोश होता है। बॉडी वेट के अनुसाार दवा का उपयोग किया जाता है। यह दवा स्पेशल डिमांड पर आती है। बाजार में नहीं मिलती है।