REET भर्ती मामले पर हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेंगी लेवल-1 की नियुक्तियां, SOG से मांगी रिपोर्ट

Rajasthan High Court LDC Recruitment Exam on March 12 and 19राजस्थान हाईकोर्ट LDC भर्ती परीक्षा 12 व 19 मार्च को

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने REET भर्ती प्रक्रिया में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के आदेश दिए। ऐसे में अब इस पूरे प्रकरण को लेकर एसओजी की टीम डीपी जारोली से इंटेरोगेशन करेगी। उसी के आधार पर 30 जून को REET भर्ती प्रक्रिया को लेकर अगली सुनवाई की जाएगी। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में रीट भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को लेकर गुरुवार को सुनवाई की गई। इस दौरान जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन की डिविजनल बेंच में याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि REET पेपर लीक में डीपी जारोली की भूमिका संदिग्ध है। प्रदेश भर में जिला को-ऑर्डिनेटर सरकारी अधिकारियों को लगाया गया। लेकिन सिर्फ जयपुर में जारौली ने गैर-सरकारी प्रदीप पाराशर को REET परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। वहीं से REET पेपर भी लीक हुआ है।

याचिकाकर्ता ने वकील ने कहा कि पेपर लीक होने के बाद जारोली ने भी लीक प्रकरण में राजनीतिक संरक्षण की बात कही थी। बावजूद इसके पुलिस ने अब तक डीपी जारोली को पकड़ कर उनसे कोई पूछताछ नहीं की है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने SOG को डीपी जारोली से इंटेरोगेशन करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में REET 2021 की नियुक्ति प्रक्रिया हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं पर अंतिम फैसले के अधीन रहेगी।

याचिकाकर्ता ने भागचन्द शर्मा के एडवोकेट दीपक कुमार कैन ने बताया कि हाईकोर्ट में सभी पक्षों की ओर से बहस की गई। हमने महत्वपूर्ण पॉइंट उठाया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारोली को सरकार ने सस्पेंड कर दिया तो फिर SOG उन्हें जांच और पूछताछ के लिए अब तक बुला क्यों नहीं रही है। इस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए जारोली समेत पेपर लीक प्रकरण से जुड़े सभी लोगों से जुड़े दस्तावेज 30 जून को होने वाली सुनवाई में पेश करने को कहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष मुद्दा यह रहा कि लेवल-1 में जिस तरीके से सरकार नियुक्तियां देने की तैयारी कर रही है। उस पर कोर्ट ने आदेश दिए कि अगर सरकार नियुक्तियां देती है। तो भी वह सभी नियुक्तियां REET परीक्षा को लेकर लगी याचिकाओं के निर्णयों के अधीन रहेंगी। ऐसे में हमें पूरा भरोसा है कि अगली सुनवाई में कोर्ट कोई बड़ा फैसला करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *