जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में युनाईटेड अरब अमीरात (UAE)से आये शास्त्रीय गायक कौस्तुभ कांति गांगुली ने जब अपने मधुर कण्ठ से राग ललित पंचम के सुर छेडे तो सुर की सरीता बह उठी।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार गांगुली ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत ललित पंचम से की जिसमें फूली बसंत बहार प्यारे नजर छब आई मन में मध्य विलंबित लय तीन ताल में प्रस्तुत की। कौस्तुभ ने दु्रत तीन ताल में एक बंदिश कूक सुनाए कोयलिया रूत फागुन की आई जिया हरकाई सुनाकर दर्शकों की वाह-वाही लूटी। इन दानों कंपोजिशन को संगीतबद्ध स्व.पण्डित ज्ञान प्रकाश घोष ने किया। कार्यक्रम के अंत में राग मांझ खमाज में होरी ठुमरी और राग भैरवी सुनाकर कार्यक्रम को उंचाईयां दी।
ज्ञात रहे कि कौस्तुभ कांति गांगुली न्यूयार्क युनिवर्सिटी में एसोसियेट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं देश-विदेश में कार्यक्रम प्रस्तुत कर भारतीय संगीत से दर्शकों को जोड रहें है। अभी हाल ही भारत प्रवास पर अपना शास्त्रीय कार्यक्रम नेटथियेट पर दिया। आपने ऑल इण्डिया रेडियो की प्रतियोगिता 2011 के विजेता रहे तथा मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, आई टी सी संगीत रिसर्च अकादमी एवं एनसीपीए मुंबई से स्कॉलरशिप प्राप्त की है।
इनके साथ तबले पर हरिमोहन चक्रवर्ती ने अपनी उंगलियों का ऐसा जादू चलाया कि दर्शक वाह-वाह कर उठे। हारमोनियम पर पण्डित राजेन्द्र प्रसाद बैनर्जी क्योंकि एक जानेमाने हारमोनियम वादक हैं देश विदेश में नामीग्रामी संगीतज्ञों के साथ अपनी सुरीली संगत दी है। मंच सज्जा मुकेश सैनी, प्रकाश सागर गढवाल, संगीत तपेश शर्मा, कैमर संचालन मनोज स्वामी ने किया तथा प्रस्तुति सहायक जीवितेश शर्मा, मिहिजा शर्मा, कवितेश शर्मा एवं अंकित शर्मा नोनू को रहा।