जोधपुर: हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर मामले में पुलिस कर्मियों के निलंबन के विरोध में अब आम जनता ने ही अभियान छेड़ दिया है। बड़ी बात यह है कि निलंबन के विरोध में किए जा रहे ट्वीट को जोधपुर पुलिस कमिश्नर के अधिकारिक हैंडल से भी रिट्विट किया गया है। आम लोगो के साथ साथ इस फैसले से पुलिस महकमा भी नाखुश नजर आ रहा है। लोगों ने ट्वीट कर कहा कि सीएम गहलोत के गृह नगर में उल्टी गंगा बह रही है। अपराधियों को मुआवजा व पुलिसकर्मियों को सजा दी जा रही है।
आम जनता ने कहा कि इस फैसले से पुलिसकर्मियों का मनोबल टूटेगा। अपराधियों में पुलिस का भय खत्म हो जाएगा। जनता ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मामले में जम कर भड़ास निकाली गई है। ट्वीटर पर भी (#SHO_लीलाराम_टीम_को_बहाल_करो) हैशटेग काफी ट्रेंड में रहा। रविवार शाम को इस फैसले के बाद से ही लगातार ट्वीट हुए देर रात तक 94 हजार के करीब ट्वीट होने से जोधपुर का यह मामला सब जगह चर्चाओं में रहा।

क्या था एनकाउंटर मामला
दरअसल, हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा को बुधवार को पकड़ते समय रातानाड़ा थानाधिकारी लीला राम की जवाबी फायरिंग में लवली कंडारा को गोली लगी। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। तब से समाज धरने पर बैठ गया था। जोधपुर में झाड़ू डाउन हड़ताल चली। वाल्मीकि समाज की मांग थी की एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जाए। चार दिन धरने के बाद रविवार को मांगों पर सहमति बनी। गतिरोध समाप्त हुआ। समाज पोस्टमार्टम के लिए राजी हुआ। हिस्ट्रीशीटर के परिवार ने पोस्टमार्टम के बाद शव उठाया। इधर जैसे ही रातानाड़ा एसएचओ लीलाराम सहित चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त की घोषणा की गई तब से सोशल मीडिया पर इस फैसलें का जबरदस्त विरोध देखने को मिला है।
पिछले 4 दिनों से पुलिस कमिश्नर जोश मोहन खुद अडिग थे कि वह निलंबन नहीं करेंगे, लेकिन रविवार को राजनीतिक दबाव के चलते एडीजी रवि प्रकाश मेहरडा जब निलंबन की घोषणा कर रहे थे तो पुलिस कमिश्नर भी उनके पास खड़े थे। लेकिन इनके हाव-भाव साफ बयां कर रहे थे कि वे इस फैसले से नाखुश है।

CM के गृह नगर में बही उलटी गंगा
लोगों ने ट्वीट कर कहा कि सीएम के गृह नगर में उल्टी गंगा बही है। अपराधियों को मुआवजा व पुलिसकर्मियों को दंड दिया जा रहा है। इस फैसलें को कई लोगों ने राजनीति के गिरते स्तर के चलते अपराधियों को शय दी जा रही है और अपनी जान की बाजी लगाने वाले पुलिस कर्मियों को सजा।