जोधपुर: राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय स्तरीय लोकानुरंजन मेला 18 से 20 फरवरी को जय नारायण व्यास स्मृति भवन ( टाउन हॉल) में आयोजित होगा। लोक कला के इस महाकुम्भ में देश के 15 राज्यों के लगभग 800 कलाकार अपनी लोकरंजक परम्परागत लोक कलाओं का मनोहारी प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद व उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
पहले चरण में प्रदेश की विभिन्न प्रदर्शनात्मक लोक कलाओं का प्रदर्शन
अकादमी सचिव अनिल कुमार जैन ने बताया कि कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित होगा। प्रथम चरण में दिनांक 18 व 19 को सायं 6.00 बजे टाउन हॉल के प्रांगण में मेलानुमा परिवेश में प्रदेश की विभिन्न प्रदर्शनात्मक लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा जिसमें मांगणियार मोहम्मद शरीफ, बाडमेर, भूगडे खां तालो का गांव, देउ खां मांगणियार, बिस्सू कला लंगा सिम्पोनी जेपु खां लंगा, तेरहताल गंगादेवी देवी, पारदला, श्लीला देवी पादरला कालबेलिया नृत्य मीरा देवी, जयपुर चकरी नृत्य सियाबाई, चाचौडा, शहरिया नृत्य गोपाल धानुक, शाहबाद, कठपुतली प्रेमराम भाट, जोधपुर मयूर नृत्य जितेन्द्र पाराशर, डीग बम्ब नृत्य बन्दु विजय, लक्ष्मणगढ़, नगाडा वादन घनश्याम पुष्कर कैलाश पुष्कर शहनाई वादन ऐहसान, जोधपुर, राजेन्द्र परिहार, भंपग वादन मेवात के लोक वाद्य यूसूफ खां, अलवर, तीन ढोल थाली बांकिया श्यामानराम कच्ची धोडी राम प्रसाद शर्मा, टौक, बनवारी लाल, जयपुर लाल आगी गैर भंवरलाल कुमावत, कीटनोद डांडिया अचलाराम, जालौर करतब राजजीत, जोधपुर बारात जयप्रकाश, उदयपुर, जादूगर कमल किशोर, टाँक मशक वादन छत्रधारी, निवाई श्री रितेश, जोधपुर, मदारी उरमान, जोधपुर मशक वादन छत्रधारी, निवाई बहुरूपिया अकरम खां बादी कुई, घूमर व घरी विजय लक्ष्मी आमेटा, उदयपुर, सफेद आंगी गैर गोरधनराम मेघवाल, कम्मो का बाडा नृत्य प्रमुख आकर्षण होंगे।
दूसरे चरण में जम्मू से लेकर मालवा व अन्य राज्यों के लोकनृत्यों की प्रस्तुति
कार्यक्रम के दूसरे चरण में 18 से 20 फरवरी को बाहरी प्रदेशों की लोक कलाओं के साथ ही राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रदेश की लोक कलाओं से रूबरू करवाया जायेगा। सायं 7:30 से प्रेक्षागृह के अन्दर पंजाब का भांगडा व गिद्दा, हरियाणी की घूमर फाग, पणिहारी नृत्य, गुजरात के डांग नृत्य, महाराष्ट्र की लावणी व कोला, सोंगी मुखटे, उत्तराखंड का घसीयारी, छपेली, जौनसरी नृत्य कश्मीर का रूफ नृत्य, मध्य प्रदेश का कर्माशैली, उडीसा का सम्बलपुरी नृत्य, झारखंड का छउ नृत्य हिमाचल प्रदेश का जमाकडा नाटी नृत्य व मालवा के लोक नृत्य के प्रदर्शन होंगे।
निशुल्क प्रवेश
समारोह के दौरान प्रेक्षागृह के अन्दर राजस्थान के कलाकारों में लंगा, मांगणियार गायन, मयूर व दीपक नृत्य, चकरी नृत्य, भपंग वादन, कालबेलिया नृत्य, अलगोजा वादन, चरी नृत्य इत्यादि मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क होगा।