जयपुर। जलदाय एवं भूजल मंत्री महेश जोशी ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की सिंचाई परियोजना एवं पेयजल की लाइफ लाइन मानी जाने वाली ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेंकर केन्द्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
डॉ. जोशी ने कहा है की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जनता से ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर जल्द कार्य शुरु करने का दो बार वादा किया था, लेकिन चार साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी प्रधानमंत्री की घोषणाओं पर आज तक अमल नहीं किया गया है। प्रधानमत्री की मांग पर राजस्थान की जनता ने 25 के 25 सांसद चुनकर भेजे हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री राजस्थान से होते हुए एक भी सांसद ने पूर्वी राजस्थान की लाइफ लाइन को शुरु करने की आवाज तक नहीं उठाई है।
यहीं नहीं केन्द्र सरकार ने राजस्थान की जनता की पानी की समस्या को दूर करने के बजाय और ज्यादा बढा दिया है। शुरु से ही राजस्थान को विशेष भोगौलिक परिस्थितियों के कारण 90 फीसदी का अनुदान मिलता रहा है, लेकिन अब राजस्थान की जनता को केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान की पेयजल परियोजनाओं पर सिर्फ 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है जो राजस्थान की जनता के हितों के साथ कुठाराघात है।
प्रदेश की जनता के लिए पेयजल परियोजनाओं पर अनुदान राशि को 90 फीसदी करने के संबंध में राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को कई पत्र लिखे हैं, लेकिन केन्द्र द्वारा राज्य की मांग को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की घोषणाओं को भू-जल एवं जलदाय मंत्री महेश जोशी ने राजस्थान की जनता के साथ छलावा बताते हुए ईआरसीपी प्रोजेक्ट के शुरु करने की मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया तथा कहा कि इससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की सिंचाई भूमि को नए आयाम मिल सकेंगे
वहीं इन जिलों की पेयजल समस्या का भी समाधान हो सकेगा। जलदाय मंत्री ने कहा है की सीएम गहलोत की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री को इस मामले में अफसोस जाहिर करना चाहिए।