जयपुर। नेट-थियेट पर नाटक टी-20 के माध्यम से यह दर्शाया गया कि जैसे हर क्रिकेट की बॉल पर अनिश्चितता रहती है वैसी ही जीवन में बनी रहती है। इसी अनिश्चितता से डर कर इन्सान वह नही कर पाता है जो वो असल मैं करना चाहता है। किन्तु आज की पीढी इसी अनिश्चितता को अवसर में बदलना जानती है।
नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि द लीला मैजिकल थियेटर सोसयटी जयपुर द्वारा प्रस्तुत नाटक टी-20 का लेखन नीरज सरना ने किया तथा नाटक का निर्देशन युवा रंगकर्मी राजू कुमार ने किया। नाटक में मिस्टर मल्होत्रा जो सरकारी मुलाजिम है वो अपने बच्चे का अच्छे स्कूल में दाखिला करवाना चाहता है। इसके विपरीत उसके दोस्त के बच्चे का दाखिला किसी अच्छे विद्यालय में हो जाता है।
उधर मल्होत्रा के बेटे टिंकू को क्रिकेट का शौक हैl उसका सपना है की एक दिन टी-20 वर्ल्डकप खेले इसीलिये दिनभर क्रिकेट खेलता है किन्तु मिस्टर मल्होत्रा की इच्छा है कि वह पढाई करे। जब यह समझ में आता है कि टिंकू पढाई में नही खेल मे होशियार है, तब मिस्टर मल्होत्रा स्वयं उसे क्रिकेट अकादमी ले जाते है और बंटी को रूचि के अनुसार दाखिला करवा देतें है। क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें मैच किस करवट बदलेगा अंत तक यही निश्चितता नही होती।
नाटक में दीपक ने मल्होत्रा का सशक्त अभिनय किया। कशिश, अनन्य गोदिका, आर्यन, जतिन, परवेश, मिहिर ने अपने पात्रों को जिवंत किया। नाटक में प्रकाश मनोज स्वामी, संगीत अंकित जांगिड, मंच घृति शर्मा एवं अकिंत शर्मा नोनू का रहा।