नेटथियेट पर बॉंसुरी के सुरीले स्वर, बॉसुरी पर पुलकित हुई राग यमन

नेटथियेट पर बॉंसुरी के सुरीले स्वर, बॉसुरी पर पुलकित हुई राग यमन

जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में केड झुंझुनू के उभरते बॉंसुरी वादक नवरतन चारण ने जब बॉंसुरी पर अपने स्वर छेडे़ तो लगा श्रीकृष्ण की बॉंसुरी अटखेलियां करती हुई गोपियों को रिझा रही है। नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि जयपुर के उभरते सुरीले बॉंसुरी वादक नवरतन ने शास्त्रीय राग यमन कार्यक्रम का शुरूआत किया। उन्होंने राग यमन में अलाप, बंदिश, तीन ताल मध्य लय में बजाकर दर्शकों को रोमांचित किया। इसके बाद उन्होंने राग हंस ध्वनि में आलाप, जोड़ तीन ताल, मध्यलय में एक बंदिश सुनाकर दर्शकों से दाद पाई अंत में उन्होंने राजस्थानी लोकधुन मांड में पधारो म्हारे देश की धुन बजाकर कार्यक्रम को परवान चढ़ाया। ज्ञात रहे कि कलाकार नवरतन ने बांसुरी वादन की शिक्षा यासीन खां चिडॉवा वालों से ली।

आपके साथ तबले पर युवा तबला वादक नरेन्द्र सिंह ने अपनी उंगलियों का ऐसा जादू बिखेरा कि दर्शक ऐसी सधी हुई संगत से बॉंसुरी की मीठी तान में खो गये। कैमरे पर मनोज स्वामी, प्रकाश सागर गढवाल, संगीत संयोजन तपेश शर्मा, मंच सज्जा पुनम चौधरी, अंकित शर्मा नोनू,देवांग सोनी एवं जिवितेश शर्मा की रही। कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी एवं गुलाम फरीद ने इम्पीरीयल प्राइम कैपिटल की ओर स्मृति चिन्ह भेंट कर कलाकारों को सम्मानित किया।

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