अनुभवों को साझा करने से मिलती है नई दिशा और तय होती है विकास में भागीदारी-डॉ. अग्रवाल

अनुभवों को साझा करने से मिलती है नई दिशा और तय होती है विकास में भागीदारी-डॉ. अग्रवाल

जयपुर। समय समय पर मेल-मिलाप से अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलता है तो प्रदेश के विकास में भी भागीदारी तय होती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व आईआईटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह विचार राजपूताना शेरेटान में आयोजित गेट टू गेदर कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आईआइटी दिल्ली के पासआउट आज प्रदेश में उच्च पदों पर कार्य करते हुए नवाचारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं प्रदेश में उद्योग धंधों, स्टार्टअप्स आदि के माध्यम से विकास की गंगा बहा रहे हैं। स्वरोजगार के साथ ही रोजगार के अवसर विकसित कर आर्थिक विकास में सहभागी बन रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल ने आईआईटी दिल्ली की तरह ही अन्य एलुमिनी एसोसिएशनों को गतिशील और सक्रिय बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए प्रदेश के समग्र विकास में भागीदार बनने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट रजनीश भंडारी, सेकेट्री शुभम जैन और ट्रेजरार आकाश मित्तल ने बताया कि प्रदेश में करीब 400 व देश दुनिया में 5 हजार से अधिक आईआईटी एलुमिनी निजी व सरकारी क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य करते हुए सेवाएं दे रहे हैं।

गेट टू गेदर में राजस्थान सरकार में स्टेम सेल हेड डा. यावेर हुसैन, मेटाक्यूब के संस्थापक पारिजात अग्रवाल, सहज डेरी के संस्थापक पिज्ञान गदेडिया सहित करीब 70 प्रतिभागियों ने परिवार सहित हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संयोजन सेकेट्री शुभम जैन ने किया।

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