जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश की जियो हेरिटेज साइट्स के संरक्षण व संवर्द्धन को लेकर गंभीर है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डा. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेष की जियो हेरिटेज साइट्स के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इनके रखरखाव व संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे भू पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने किशनगढ़ की नैफलीन साइनाइट व ब्यावर-पाली से जुड़ी सैंदड़ा ग्रेनाइट साइट्स का अधिकारियों के साथ विजिट के दौरान यह जानकारी दी। प्रदेष की साइट्स को जियो हेरिटेज साइट्स के रुप में रखा गया है। किशनगढ़ नेफेलिन सायनेट 1590 से 1890 लाख साल पहले हुई टेकटोनिक एक्टिविटी से बना है यह एक क्षारीय अंतर्भेदी आग्नेय प्लूटन है जो अरावली क्रेटन में मेटामोर्फाइट्स के एंटीफॉर्म के मूल के साथ-साथ विस्थापित है। सेंदरा ग्रेनाइट 900 लाख साल पहले हुई टेकटोनिक एक्टिविटी से बना है इसमें पाए जाने वाले विशेष प्रकार के आकृतियां पॉट होल्स, स्केलेटन हेड, स्नेक हेड, ईगल शेप, टोर रॉक ग्रेनाइटीक लैंडफॉर्म है जो की पानी और हवा के दवारा वेदरिंग एवं एरोसन से बने है।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षण भूविज्ञानिक सुनील कुमार, डॉ. भंवरा राम, वरिष्ठ भूवैज्ञानिक राजेंद्र कुमावत, भू वैज्ञानिक इरशाद खान, खनि अभियंता पुष्पेंद्र सिंह व विनीत गहलोत, अमित कुमार फोरमैन ऋतु, शिवोन आदि ने विस्तार से जानकारी दी।