नेट-थियेट पर सतरंगी, शाम राजस्थानी लोकनृत्यों ने मन मोहा

नेट-थियेट पर सतरंगी, शाम राजस्थानी लोकनृत्यों ने मन मोहा

जयपुर। नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज लोकप्रिय कलाकार मीरा सक्सेना और उनके साथी कलाकारों ने राजस्थानी लोकनृत्यों की ऐसी छटा बिखेरी की मेघो ने भी अपनी फुहारों से लोकनृत्यों से लबालब सांझ को सतरंगी बनाया।

नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि मीरा सक्सेना ने राजस्थान के प्रसिद्ध माण्ड गायन केसरीया बालम आओ नी पधारो म्हारे देस पर नृत्य से कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद लहरिया, चुड़ला, गोरबंद, चुनरी, रमकुडी-झमकुडी, घूमर नृत्य के साथ पिया आवो तो मनडे री बात कर ल्यां की शानदार प्रस्तुति से आने वाले सावण का स्वागत किया।

कार्यक्रम में आध्यत्म और अविर्भाव जगधारी ने , चौधरी गीत म्हारे हिवडे में लागी ढोकली गाया। मीरा सक्सेना के साथ निधि अग्रवाल, गीता राजावत, भावना, अनुरेखा गुप्ता, आषा वर्मा, उमा गौतम, शैफाली जगधारी, भार्गवी जगधारी ने राजस्थानी लोकगीतों पर एकल एवं समूह नृत्य से समां बांधा। रमकूडी-झमकूडी नृत्य पर मीरा सक्सेना और अजीत सक्सेना ने अपनी नृत्य अदाओं से नृत्य कर कार्यक्रम को उंचाईयां दी। कार्यक्रम में हारमोनियम पर रमेश चौहान और ढोलक पर शिव शंकर डांगी ने शानदार संगत की l कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध उद्घोषक आर. डी. अग्रवाल ने किया।
कैमरा संचालन जितेन्द्र शर्मा, प्रकाष मनोज स्वामी, मंच सज्जा घृति शर्मा, संगीत विष्णु जांगिड, सौरभ कुमावत, अंकित शर्मा नोनू और जीवितेष शर्मा का रहा।

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