जयपुर: प्रदेश के 500 मदरसों में राज्य सरकार ने स्मार्ट क्लासरूम बनाने का फैसला लिया है। साथ ही 344 आवासीय स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी भी खोली जाएगी। सीएम गहलोत ने इसे बनाने के लिए करीब 50 करोड़ की वित्तीय अप्रूवल दी है। राजस्थान के मदरसों को आधुनिक टेक्नोलॉजी से जोड़ने और रेजिडेंशियल स्कूलों में पढ़ रहे लोवर इनकम ग्रुप स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन देने की शुरुआत के तौर पर इसे देखा जा रहा है।
मदरसों में बेहतर एजुकेशन के लिए इनमें स्मार्ट क्लासरूम की अलग-अलग फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाएंगी। मदरसों में स्टूडेंट्स अब ब्लैक बोर्ड की जगह स्मार्ट बोर्ड के जरिए शिक्षा हासिल करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने इसके लिए 13.10 करोड़ रुपए का एडिशनल बजट स्वीकृत किया है। सीएम गहलोत ने साल 2022-23 के बजट में रजिस्टर्ड मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम मय इंटरनेट की सुविधा स्टेप बाय स्टेप चालू करने की घोषणा की थी। इसके तहत पहले फेज में आने वाले साल में 500 मदरसों को अपग्रेड किया जाएगा।
344 अवासीय स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी
सीएम गहलोत ने प्रदेश के 344 अवासीय स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी खोलने के लिए 36.56 करोड़ रुपए की वित्तीय सहमति भी दे दी है। डिजिटल लर्निंग के महत्व को समझते हुए गहलोत ने यह फैसला लिया है। इस स्वीकृति से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, समाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, अल्पसंख्यक मामलात विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के तहत चल रहे अलग-अलग रेजिडेंशियल स्कूल्स, मल्टीपरपज होस्टल, कस्तूरबा गांधी स्कूलों में आधुनिक फैसिलिटी से लैस डिजिटल लाइब्रेरी बनेंगी। राजस्थान विधानसभा में वित्त और विनियोग विधेयक 2022-23 की चर्चा के दौरान गहलोत ने इसकी घोषणा की थी।