जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी कलह के बीच पायलट ने नए संकेत दिए है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है इस बीच पायलट का शनिवार को ये बयान मतभेदों को भुलाकर आगे बढ़ने का कुछ नए ही संकेत दे रहा है। पायलट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनसे कहा है कि ‘भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो’ तथा खरगे की यह बात उनके लिए एक सुझाव होने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष का निर्देश भी है।
सीएम गहलोत से मतभेदों के सवाल पर पायलट ने कहा- अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे बड़े हैं। उनको ज्यादा अनुभव है। उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं। जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था तो मैंने कोशिश की थी कि सबको साथ लेकर चलूं। मुझे लगता है कि आज वह मुख्यमंत्री हैं, तो यह कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ लेकर चलें।जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तो मैंने कोशिश की थी कि सबको साथ लेकर चलूं। मुझे लगता है कि आज वह मुख्यमंत्री हैं, तो यह कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ लेकर चलें।”
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर पायलट ने कहा- दशकों से कांग्रेस की परंपरा रही है कि चुनाव से पहले पार्टी चेहरा घोषित नहीं करती। दशकों से कांग्रेस किसी प्रदेश में किसी एक चेहरे को आगे करके चुनाव नहीं लड़ती।2018 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था, हम सब मिलकर चुनाव लड़े। बाद में पार्टी ने जो निर्णय लिया, वो सबके सामने है। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव जीतने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि किसको मौका दिया जाए। फिलहाल महत्वपूर्ण यह है कि हमें चुनाव जीतना है।