जयपुर: राजस्थान में सरकार आज पेट्रोल-डीजल पर स्टेट वैट घटाने की घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाम 6 बजे मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। जिसमें खास तौर पर वेल्यू एडेड टैक्स घटाने पर मंथन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कैबिनेट और मंत्रिपरिषद में बैठकर हम पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत देने पर विचार-विमर्श करेंगे। जो भी संभव होगा, वो फैसला करेंगे।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित बगई ने कहा कि हम राजस्थान में पंजाब के बराबर पेट्रोल और डीजल की रेट चाहते हैं। पंजाब में भी कांग्रेस की सरकार है। इसलिए राजस्थान में VAT भी पंजाब के बराबर होना चाहिए। पंजाब पड़ोसी राज्य भी है। राजस्थान में पेट्रोल पर फिलहाल 36 फीसदी और डीजल पर 26 फीसदी वैट लग रहा है। पंजाब के बराबर कीमतें लाने के लिए पेट्रोल और डीजल दोनों पर 15-15 फीसदी वेल्यू एडेड टैक्स प्रदेश सरकार को घटाना होगा। इससे राजस्थान में भी पंजाब के बराबर पेट्रोल पर 21 फीसदी और डीजल पर 11 फीसदी वैट हो जाएगा। पंजाब के जलंधर में पेट्रोल की आज रेट 94.95 रुपए लीटर है। जबकि डीजल 83.77 रुपए लीटर है।
इससे राजस्थान के पेट्रोलियम कन्ज्यूमर्स और पेट्रोल पम्प संचालकों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य सरकार को जो रेवेन्यू लॉस होने की आशंका है, उसकी भरपाई ज्यादा पेट्रोल-डीजल की खपत से होगी। आज जो ट्रांसपोर्ट और व्हीकल दूसरे राज्यों में जाकर डीजल-पेट्रोल ले रहे हैं। वो राजस्थान में लेंगे। राज्य में ज्यादा वाहन आएंगे। टूरिज्म मोटिवेट होगा और इससे भी सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा।
गहलोत सरकार को रेवेन्यू की चिन्ता
राजस्थान में कांग्रेस के राज में सबसे ज्यादा पेट्रोलियम की महंगाई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा है। इसलिए गहलोत सरकार पर पेट्रोलियम की रेट घटाने का भारी दबाव भी है। इसके साथ ही प्रदेश की आम जनता चाहती है कि पड़ोसी राज्यों के बराबर राजस्थान में पेट्रोलियम के दाम हों।
दरअसल,राजस्थान के कुल रेवेन्यू का 22 फीसदी से ज्यादा पेट्रोल-डीजल के वैट से आता है। वैट घटाने से सरकार को अपने खजाने पर पड़ने वाले वित्तीय भार और रेवेन्यू में नुकसान की चिन्ता है। मुख्यमंत्री कई बार यह बात सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं।