पेन आईआईटी मीटअप कार्यक्रम: सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए नित नए प्रयोग जरुरी तो विफलता को मानना होगा सफलता की राह -डॉ. अग्रवाल

पेन आईआईटी मीटअप कार्यक्रम सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए नित नए प्रयोग जरुरी तो विफलता को मानना होगा सफलता की राह -डॉ. अग्रवाल

जयपुर। सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए नित नए प्रयोग करने होंगे तो विफलताओं को सफलता की राह मानकर चलना होगा। कुछ इसी तरह का मोटिवेशनल मैसेज राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जयपुर में पेन आईआईटी मीटअप कार्यक्रम के तहत आईआईटी दिल्ली एलुमिनि एसोसिएशन राजस्थान चेप्टर द्वारा प्रदेष के युवा आईआईटीयन्स के लिए आयोजित मोटिवेशनल कार्यक्रम में दिया।

डॉ. सुबोध अग्रवाल कहा कि युवाओं को नौकरी की तलाश के स्थान पर एंटरप्रोन्योर बनने का सपना संजोना होगा। स्टार्टअप व नए एंटरप्रोन्योर्स को सरकार द्वारा आसान वित्तीय ऋण सुविधा, नकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहयोग उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में युवाओं को विफलता से बिना घबराएं आगे बढ़ना होगा। यह ध्यान रखना होगा कि विफलताएं कुछ नया करने को प्रेरित करती है जबकि सफलता सतत विकास में अवरोधक का काम करती है।

पेन आईआईटी मीटअप में के इस कार्यक्रम में आईआईटियन और राजस्थान के युवा उद्यमी कार देखों यूनिकार्न के संस्थापक अमित जैन और अनुरोग जैन ने युवाओं के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जब आप कोई बड़ा गोल लेकर आगे बढ़ते हो और मार्केट से सीधा तारतम्य बनाये रखते हो तो फिर असफलता आपसे दूर ही रहेगी। कुछ नया करने, बड़ा करने और कमिटेड होकर काम करने की लगन के साथ समयानुकूल बदलाव से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। कार देखो आज वैश्विक पहचान बना चुकी है। समय की मांग और आवश्यकता के साथ ही कार देखों के साथ ही सह बिजनस फायनंस, बीमा आदि में प्रवेश किया तो लोगों की एक ही छत पर कंजूमर को सुविधाएं प्राप्त होने लगी है। आज दस हजार करोड़ की कंपनी हो गई है तो एक लाख करोड़ के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।आज कार देखों किसी पहचान की मोहताज नहीं है।

आईआईटी दिल्ली एलुमिनि एसोसिएशन राजस्थान चेप्टर के सेकेट्री शुभम जैन ने बताया कि संस्था द्वारा आईआईटियन्स के बीच अनवरत समन्वय व संवाद के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। इससे युवाओं को नया सीखने और अनुभवों का लाभ प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

मोटिवेशनल कार्यक्रम में यह साफ हुआ कि बिजनेस को बिजनेस की तरह संचालित करना होगा तो दूसरी और कमिटमेंट, डेडिकेशन और जमीनी अनुभवों को आत्मसात करने से सफल एंटरप्रोन्योर बनने का राज होगा। इस अवसर पर युवाओं ने उद्यम की सफलताओं के गुर जाने व अपनी जिज्ञासाओं को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में आईआईटी दिल्ली, मुंबई, खड़कपुर, रुड़की, चैन्नई सहित विभिन्न संस्थानों के 100 से अधिक आईआईटियन्स ने हिस्सा लिया।

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